जोगा ने जग पूछे, नाजोगा ने कुण पूछे
समारोह की अध्यक्षता करते हुए पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने वीर अमरसिंह राठौड़ और राम जी की तुलना करते हुए कहा कि दोनों ने पिता के आदेश को सर्वोपरि मानते हुए राजपाट छोड़ दिया। कल रामजी भी मंदिर में विराजेंगे, इसलिए इस दिन को उत्सव के रूप में मनाएं। उन्होंने वीर अमरसिंह राठौड़ के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज हमारे कृतित्व से कल का इतिहास बनेगा, इसलिए हमें ऐसे कार्य करने हैं, जो समाज और राष्ट्र के हित में हो। उन्होंने कहा कि लोकेन्द्रसिंह कालवी कहते थे कि ‘जोगा ने जग पूछे, नाजोगा ने कुण पूछे’, इसलिए लायक बनें। आज सर काटने का कटाने का समय नहीं है, बल्कि सिर गिनाने का समय है।
इन्होंने भी किया संबोधित
जयंती समारोह को विशिष्ट अतिथि महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. मंजू बाघमार, वीर अमरसिंह राठौड़ की 14वीं पीढ़ी के वंशज भोपालसिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सीआर चौधरी, डेगाना विधायक अजयसिंह किलक, मेड़ता विधायक लक्ष्मणराम कलरू, सभापति मीतू बोथरा आदि ने संबोधित कर वीर राठौड़ के जीवन पर प्रकाश डाला तथा नागौर की धरती को वीरों की धरती के साथ भक्ति व शक्ति की धरती बताया। जयंती समारोह समिति के संयोजक अजीत सिंह भाटी ने स्वागत भाषण देते हुए जड़ा तालाब व पैनोरमा पर भाजपा सरकार की ओर से करवाए गए कार्यों की जानकारी दी। साथ ही ईडब्ल्यूएस आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने, पैनोरमा परिसर को विकसित करने की मांग भी की।
छतरियों में की पूजा कर दी श्रद्धांजलि
कार्यक्रम से अतिथियों ने वीर अमरसिंह राठौड़ की छतरियों में पूजा कर राठौड़ को श्रद्धां सुमन अर्पित किए। इसके बाद अतिथियों ने पैनोरमा का अवलोकन भी किया तथा पांच साल से उजाड़ पड़े पैनोरमा का विकास करवाने की बात कही।
ये रहे मौजूद
जयंती समारोह में भाजपा के प्रदेश महामंत्री जगवीर छाबा, भवानीसिंह कालवी, जितेन्द्र सिंह जोधा, रेवंतराम डांगा, रमाकांत शर्मा, लक्ष्मीनारायण मुण्डेल आदि मंच पर मौजूद रहे। जयंती कार्यक्रम में जिलेभर के राजपूत समाज के साथ अन्य समाजों के लोग भी मौजूद रहे। इस दौरान दिलीपसिंह बच्छवारी, अजीतसिंह चांदारूण, श्याम प्रतापसिंह, रामप्रतापसिंह गागुड़ा, पूर्व प्रधान भंवरसिंह, मनोहरसिंह रूपपुरा, श्रीपालसिंह रसाल, प्रतापसिंह लूणवा, जगदीशसिंह, उम्मेदसिंह, कानसिंह पींपासर, रामचंद्र उत्ता सहित समाज के गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।