आश्वासनों में बीते पांच साल, समस्याएं जस की तस, फाइलों में दफन हो रहे सरपंचों के मुद्दे, जनता के सवाल सरपंचों पर भारी, अधिकारी नहीं ले रहे रुचि
खींवसर (नागौर). ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के वादे पर जीत का सेहरा बंधवाने वाले सरपंच एवं पंचायत समिति सदस्य गांव की ज्वलंत समस्याओं को लेकर पिछले पांच वर्षों से पंचायत समिति में आयोजित होने वाली साधारण सभाओं में जनता की आवाज को पुरजोर तरीके से उठा रहे हैं, लेकिन अधिकांश समस्याएं आज भी निराकरण की राह देख रही हैं। विभागीय अधिकारियों की रुचि का अभाव एवं कई विभागों में अतिरिक्त चार्ज के चलते यह समस्याएं साधारण सभा के सदन में दर्ज होकर फाइलों में दफन हो रही हैं। अपने कार्यकाल के पांच वर्ष बीत जाने के बाद अब सरपंचों एवं पंचायत समिति सदस्यों को गांव की जनता को जवाब देना भारी पड़ रहा है। उनको दुबारा चुनावी मैदान में उतरने की चिंता सता जा रही है। गांवों में कई जगह पानी तो कई जगह बिजली की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।
स्वास्थ्य, सड़क, शिक्षा को लेकर हर बार साधारण सभा में सरपंच समस्याएं सदन के पटल पर रखते हैं, लेकिन अधिकारी पांच साल से केवल आश्वासन की गाड़ी हांक रहे हैं। स्थिति यह है कि चुनावों में जनता के बीच जिन मुद्दों के बल पर सरपंचाई की राह तय की थी वो मुद्दे पांच साल बीतने के बाद भी पूरे नहीं हुए हैं। ऐसे में सरपंच अब जनता के बीच जाने व उनके सवालों का जवाब देने से नजरें चुरा रहे हैं। हालात यह है कि सरपंचों के 5 साल का कार्यकाल पूरा हो गया है और अब वो प्रशासक के रूप में काम चला रहे हैं। ऐसे में उन्हें यह चिंता सता रही है कि जिन समस्याओं व मुद्दों को लेकर उन्होंने चुनाव जीता था, उन मुद्दों का पांच साल बीत जाने के बाद भी कोई हल नहीं निकल पाया है।
अधिकारी नहीं आते सभा में
कई विभागों के अधिकारियों ने तो साधारण सभाओं में झांककर भी नहीं देखा। हालांकि उच्च अधिकारियों ने उन्हें कई बार नोटिस भी जारी किया है, लेकिन उन्होंने उपस्थित होना तो दूर नोटिस का जवाब देना भी मुनासिब नहीं समझा। वहीं कई अधिकारियों के पास अतिरिक्त चार्ज होने के कारण उपस्थित नहीं हो पाते हैं। ऐसे में जनप्रतिनिधियों की समस्याओं का निराकरण नहीं हो पा रहा है। महत्वपूर्ण विभागों में जलदाय विभाग, महिला व बाल विकास विभाग, चिकित्सा विभाग, वन विभाग, खनिज विभाग, रसद विभाग जैसे कई विभागों के अधिकारियों के पास एक से अधिक ब्लॉक का चार्ज होने के कारण वे उपस्थित नहीं हो पाते हैं। वहीं नहरी विभाग से तो ठेकेदार के कर्मचारी को भेजा जाता है। ऐसे में ग्रामीणों की समस्याएं खत्म होने की बजाए बढ़ती जा रही है।
नहीं कर रहे विभाग सुनवाई
पंचायत समिति की साधारण सभा में लगातार बिजली, पानी के मुद्दे उठा रहे हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। नहरी पानी की सप्लाई में मनमाने ढंग से कटौती कर दी जाती है तो किसी दिन सप्लाई रोक दी जाती है। ऐसे में पीने के पानी की समस्या दिनों दिन विकराल रूप धारण कर रही है।-राजु देवी देवड़ा, सरपंच खींवसरनहीं हट रहे अवैध कनेक्शनगांव में पानी को लेकर त्राहि-त्राहि मची हुई है, विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा है। ग्रामीणों को महंगे भावों में टैंकर डलवाने पड़ रहे हैं। आकला रोड पर बड़े-बड़े अवैध कनेक्शन किए हुए हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। साधारण सभा में कई बार मांग उठाई, लेकिन हर बान अनसुना कर रह रहे हैं।
-सुमित्रा आचार्य, पंचायत समिति खींवसर
स्कूलों में नहीं लगा रहे शिक्षक
हर बार साधारण सभा में शिक्षकों की समस्या को लेकर मांग उठाते हैं लेकिन आज तक शिक्षक नहीं लग पाए हैं। ऐसे में छात्रों का भविष्य खराब हो रहा है और शिक्षा विभाग परवाह नहीं कर रहा है। ग्रामीणों को सात दिन से पीने का पानी मिलता है।
-राजेन्द्रसिंह सोनिगरा, सरपंच पांचलासिद्धा
बिना अनुमोदन कर रहे भुगतान
पंचायत क्षेत्र के जनता जल योजना के नलकूपों के संचालकों को मानदेय भुगतान से पूर्व सरकार ने सरपंचों से अनुमोदन करवाने के निर्देश दे रखे हैं। इसके बावजूद बिना सरपंचों के अनुमोदन के मानदेय भुगतान किया जा रहा है। ऐसे में कई कर्मचारी नलकूप नहीं चला रहे हैं तो कई जगह नलकूपों का सुचारू संचालन नहीं हो रहा है।
-पुष्पा सुथार, सरपंच देऊ
तीन साल में नहीं बना भवन
पंचायत में तीन वर्ष पूर्व पशु चिकित्सालय स्वीकृत हुआ था, लेकिन सरकार ने अब तक न तो बजट दिया और न ही भवन उपलब्ध करवाया है। हर बार पंचायत समिति की साधारण सभा में यह मांग उठाते रहे हैं लेकिन समाधान नहीं हुआ।
-निरमा पंचारिया, सरपंच बैराथल