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युवाओं से अपील : विवेक को जगाने वाला नशा अपनाओ, विवेक खत्म करने वाला नहीं

राजस्थान पत्रिका के ‘नशा मुक्ति संग्राम’ विषय पर बीआर मिर्धा कॉलेज में टॉक शो का आयोजन, विशेषज्ञों ने युवाओं से की जागरूक होने की अपील

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राजस्थान पत्रिका के ‘नशा मुक्ति संग्राम’ विषय पर बीआर मिर्धा कॉलेज में टॉक शो का आयोजन

राजस्थान पत्रिका के ‘नशा मुक्ति संग्राम’ विषय पर बीआर मिर्धा कॉलेज में टॉक शो का आयोजन

नागौर. राजस्थान पत्रिका की ओर से सोमवार को बीआर मिर्धा राजकीय महाविद्यालय में ‘नशा मुक्ति संग्राम’ विषय पर टॉक शो का आयोजन किया गया। इसमें महाविद्यालय के प्रोफेसर के साथ पुलिस, शिक्षा जगत, समाजसेवियों एवं विद्यार्थियों ने अपने विचार रखे।

वक्ताओं ने युवाओं से नशे के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जब तक समाज खुद नशे का विरोध नहीं करेगा, तब तक इस सामाजिक बुराई का खात्मा संभव नहीं है। समाज में बढ़ रहे अपराधों की वजह भी नशा ही है। नशे का स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है।

नशा अच्छे नागरिक बनने का करो

कार्यक्रम में सदर थाने के सीआई सुरेश कुमार ने कहा कि ‘नशा होना चाहिए, लेकिन पढ़ाई का हो, काम करने का हो और अच्छे नागरिक बनने का हो।’ उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे दोस्तों के कहने पर नशा करने की प्रवृत्ति से बचें और नशे के खिलाफ खुलकर आवाज उठाएं। नशा तस्करों और नशेड़ियों के खिलाफ सूचना देने में हिचकिचाएं नहीं, पुलिस अपनी जिम्मेदारी निभाएगी। उन्होंने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाने पर पत्रिका को साधुवाद दिया।

व्यक्ति का नाश करता नशा

पूर्व प्राचार्य डॉ. शंकरलाल जाखड़ ने कहा कि नशे की गिरफ्त में आ चुके युवाओं की हालत बेहद दयनीय होती है। उन्होंने देवताओं व राक्षसों का उदाहरण देते हुए कहा, ‘यदि किसी व्यक्ति को खत्म करना है तो उसे नशा सिखा दो।’ डॉ. जाखड़ ने युवाओं को सादगीपूर्ण जीवन अपनाने और आत्मअनुशासन में रहने की सीख दी। उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी नशे में बर्बाद हो रही है, जिसे समय रहते नहीं संभाला गया तो भविष्य में हालात विकट होंगे।

खुद के साथ परिवार को भी बर्बाद

समाजसेवी भोजराज सारस्वत ने कहा कि विवेक को जागृत करने वाला नशा होना चाहिए, न कि विवेक को खत्म करने वाला। समाज में हर प्रकार के लोग होते हैं, लेकिन हमें अच्छे मानव बनकर रहना चाहिए। सरकार कानून बना सकती है, लेकिन नशा पूरी तरह बंद नहीं कर सकती। उन्होंने चेताया कि नशा व्यक्ति को दुष्प्रवृत्ति की ओर ले जाता है और स्वयं के साथ परिवार को भी बर्बाद कर देता है। उन्होंने बताया कि उनकी फैक्टरी में 126 कर्मचारी कार्यरत हैं, जहां नशीली सामग्री के साथ प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध है और समय-समय पर सभी को नशा नहीं करने का संकल्प भी दिलवाया जाता है।

नशे के कारण लड़ाई-झगड़े

प्रोफेसर रणजीत पूनिया ने कहा कि यदि किसी परिवार, समाज या देश को बर्बाद करना हो तो उसे नशे की आदत लगा दो। नशे के कारण लड़ाई-झगड़े बढ़ते हैं, परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होती है और स्वास्थ्य पूरी तरह नष्ट हो जाता है। नशा व्यक्ति का विवेक छीन लेता है, जिससे वह सही-गलत का फर्क भूल जाता है। इसीलिए नशा करने वाला व्यक्ति अपराध करते समय हिचकिचाता नहीं है।

कार्यक्रम में छात्र महेश भाटी ने कहा कि नशा करना ही नहीं, बल्कि नशा लाकर देना भी उतना ही बढ़ा अपराध है। सहायक आचार्य जगदीश झींझा ने कहा कि नशे से जुड़ा व्यक्ति अक्सर कुतर्क करता है और अपनी गलती को सही ठहराने की कोशिश करता है।

सिंथेटिक नशा सबसे खतरनाक

प्राचार्य डॉ. हरसुखराम छरंग ने नशा मुक्ति को लेकर महाविद्यालय में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मिर्धा कॉलेज नशे से दूर है और विद्यार्थियों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने नशे के विभिन्न प्रकारों, विशेषकर मादक पदार्थों और सिंथेटिक नशे को सबसे खतरनाक बताते हुए कहा कि नशे की शुरुआत कैसे होती है और बच्चे इसकी ओर कैसे आकर्षित होते हैं, इसे समझना जरूरी है। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति के लिए सामाजिक जागृति सबसे अधिक आवश्यक है।

नशा मुक्ति की शपथ दिलाई

टॉक शो के अंत में कॉलेज के नई किरण ‘नशा मुक्ति अभियान’ के प्रभारी प्रो. लाखाराम ने नशा मुक्ति अभियान व सड़क सुरक्षा की शपथ दिलाई। उन्होंने बताया कि कॉलेज आयुक्तालय के निर्देशानुसार कॉलेज में नशा मुक्ति के लिए समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके साथ सड़क सुरक्षा को लेकर विद्यार्थियों को यातायात नियमों को पालन करने की प्रतिज्ञा दिलाई गई।

ये रहे मौजूद

टॉक शो के दौरान प्रोफेसर सुभाष यादव, सुलोचना शर्मा, अभिलाषा चौधरी, डॉ. रामेश्वर सांगवा, सामाजिक कार्यकर्ता रामप्रकाश बिशु सहित कॉलेज के छात्र एवं छात्राएं मौजूद रहे।