22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

खस्ताहाल सडक़ें दे रही शहरवासियों को दर्द, वर्षों से नहीं बनी कई सडक़ें

वर्षों से नहीं बनी कई सडक़ें, गड्ढों से गुजरना बनी मजबूरी

2 min read
Google source verification
nagaur latest hindi news

नागौर में बारिश में नाले उफने तो हादसे होना तय

नागौर. लाखों-करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद शहर में एक भी सडक़ ऐसी नहीं है, जिसे ढंग की सडक़ कह सकें। जिम्मेदारों ने शहर में कई स्थानों पर साल भर में सडक़ निर्माण कर दो-दो बार मरम्मत भी कर दी लेकिन अजमेरी गेट व नकास से नया दरवाजा जाने वाली सडक़ की स्थिति पिछले पांच साल से एक जैसी है। किसी भी बोर्ड के कार्यकाल में सडक़ निर्माण नहीं हुआ। जहां एक ओर बारिश राहत लेकर आती है वहीं शहर में यही बारिश कई बार आफत बन जाती है। थोड़ी सी अच्छी बारिश सरकारी तंत्र व निर्माण कार्यों में पारदर्शिता की पोल खोलने के लिए काफी है।
जल भराव बड़ी समस्या
मानसून अभी बाकी है और गत दिनों हुई हल्की बारिश ने ही सडक़ों की गुणवत्ता की पोल खोल दी। जल भराव और टूटती सडक़ों ने लोगों को परेशानी में डाल दिया है। बारिश के बाद पानी निकलने का उचित इंतजाम नहीं होने के चलते सडक़ों पर पानी का दरिया सा बहता नजर आता है। वहीं सडक़ों पर बड़े—बड़े गड्ढे दिखाई देने लगे हैं, जिनसे वाहन चालकों और राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। शहर में कई जगहों से सडक़ें टूट गई है और हालात बेहद खराब हैं। अजमेरी गेट से हाउसिंग बोर्ड की तरफ जाने वाली सडक़ पर जल भराव की समस्या विकट होने लगी है।
नाम बड़े दर्शन छोटे
हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी का नाम सुनने पर ऐसा लगता है कि बिजली, पानी व सडक़ आदि सुविधाओं से सुव्यस्थित कॉलोनी होगी, लेकिन नागौर में ताउसर रोड स्थित आवासन मंडल की कॉलोनी की कहानी कुछ अलग है। वर्षों पहले विकसित इस कॉलोनी में सडक़ के नाम पर महज कंक्रीट नजर आती है। नगर परिषद ने लम्बे समय से यहां सडक़ों का निर्माण नहीं करवाया। ऐसे में यहां के वाशिंदों व वाहन चालकों को गड्ढों के कारण परेशानी से दो चार होना पड़ता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कॉलोनी में सडक़ तंत्र के नाम पर केवल एक दो सडक़ें ही बनी है।