-गांधी नगर स्थित प्रयोगशाला ने भेजा पुलिस को खत-तुलसीराम हत्याकाण्ड, चार संदिग्धों की ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट का मामला, एक महीने से इंतजार कर रही पुलिस, जांच के लिए अभी विशेषज्ञ नहीं होने की मुश्किल बताकर प्रयोगशाला ने कहा कि व्यवस्था होने पर बता देंगे तारीख
नागौर. सदर थाना इलाके के अमरपुरा में करीब सवा दो महीने पहले हुई तुलसीराम हत्या के चार संदिग्धों के ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट का मामला अधर में लटक गया। गुजरात के गांधी नगर स्थित प्रयोगशाला ने विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध नहीं होने का खत पुलिस को भेज दिया।
सूत्रों के अनुसार करीब एक महीने से पुलिस तुलसीराम हत्याकाण्ड के चार संदिग्धों के ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट का इंतजार कर रही है। वो इसलिए भी कि प्रयोगशाला की ओर से पहले ही कह दिया गया था कि जल्द ही हम तारीख देंगे। यहां सदर थाना पुलिस इसका इंतजार ही करती रही कि अब आएगा खत और चारों को ले जाना होगा गांधी नगर। इसी उहापोह में बैठी पुलिस को मिले इस पत्र के बाद फिलहाल इसके टेस्ट की संभावना टल सी गई है। इस पत्र में पुलिस से कहा है कि विशेषज्ञ अभी जल्द में उपलब्ध नहीं है। आपको थोड़ा और इंतजार करना होगा। विशेषज्ञ की सुविधा के हिसाब से तारीख बता दी जाएगी। इधर पुलिस अब आने वाले त्योहार और चुनाव में जुट गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि दिवाली से पहले इन चारों का टेस्ट नहीं होना है।
गौरतलब है कि गत नौ अगस्त की रात को अमरपुरा स्थित एक खेत पर बने कमरे की छत पर सो रहे तुलसीराम (50) की धारदार हथियारों से हमला कर हत्या कर दी गई, साथ ही उसके साथ सो रहे पड़ोसी सुरेश मेघवाल (24) को घायल कर दिया था। लंबी पूछताछ के बाद भी पुलिस को वारदात का अब सुराग नहीं लगा। पुलिस को इन चार संदिग्धों के ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट की तारीख का इंतजार करते हुए करीब एक महीने से अधिक का अर्सा बीत गया है। ले-देकर जमीन विवाद की बात ही सामने आई। वो भी यह कि तुलसीराम के परिवार की जमीन का बंटवारा हो चुका था, इनमें से कुछ जमीन बेचान कर दी गई। तुलसीराम व उसके भाइयों के नाम नामांतरण समेत अन्य तकनीकी खामियां थी। इसी बात को लेकर पुलिस की जांच में चार संग्दिधों को रडार पर लिया गया।
यह था मामला
तुलसीराम मानसून के दौरान अधिकतर खेत पर रहता था। उसके खेत के पास ही सुरेश का परिवार रहता है। नौ अगस्त की रात तुलसीराम सुरेश के घर से खाना खाकर उसे साथ लेकर अपने खेत पर बने कमरे की छत पर आकर सोया। देर रात दोनों पर धारदार हथियार से हमला कर बदमाश भाग गए। इसमें तुलसीराम की मौत हो गई थी।