24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सुविधाओं ने खोई चमक: उखड़ गई कुर्सियां, निकाल ले गए पंखे, निराश्रित पशुओं का डेरा

नागौर. करीब आठ-नौ वर्ष पूर्व शहर के प्रमुख चौराहों पर समाजसेवी संगठनों व दानदाताओं की मदद से नागौर नगर परिषद ने टिनशेड व स्टील कुर्सियों वाले विश्रामस्थल बनाए थे। इसका उद्देश्य था कि राहगीरों को धूप-बारिश में बैठने तथा ऑटोरिक्शा व बस के इंतजार में आरामदायक जगह मिले, लेकिन आज ये सुविधाएं अपनी चमक खो चुकी हैं।

less than 1 minute read
Google source verification
nagaur nagaur news

कृषिमंडी के बाहर बहदाल विश्रामस्थल

- शहर में बनाए गए टिनशेड वाले विश्राम स्थल उपेक्षा के शिकार

- प्रमुख चौराहों पर बने हैं विश्रामस्थल

नागौर. करीब आठ-नौ वर्ष पूर्व शहर के प्रमुख चौराहों पर समाजसेवी संगठनों व दानदाताओं की मदद से नागौर नगर परिषद ने टिनशेड व स्टील कुर्सियों वाले विश्रामस्थल बनाए थे। इसका उद्देश्य था कि राहगीरों को धूप-बारिश में बैठने तथा ऑटोरिक्शा व बस के इंतजार में आरामदायक जगह मिले, लेकिन आज ये सुविधाएं अपनी चमक खो चुकी हैं।

इन स्थलों में टिनशेड की छतें , स्टील की कुर्सियां, और पंखे लगाए गए थे, लेकिन देखभाल-निगरानी के अभाव तथा जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण ये विश्राम स्थल खस्ता हालत में हैं। कहीं कुर्सियां टूटी पड़ी हैं, कहीं उन्हें लोग उखाड़ ले गए। पंखे भी असामाजिक तत्वों ने उखाड़ दिए ।

यहां बने थे विश्रामस्थल

बीकानेर रोड-स्थित कृषिमंडी के बाहर, स्टेशन सर्किल, सर्किट हाउस के पास, मानासर रोड, पुराना अस्पता के बाहर, कलक्ट्रेट के बाहर व एसपी ऑफिस के पास सहित कई प्रमुख चौराहों व मार्गों पर टीनशेड वाले विश्रामस्थल बने होने के बावजूद ये स्थान राहगीरों के लिए सुविधा से कहीं अधिक परेशानी का कारण बन चुके हैं।

विज्ञापन पोस्टर से भर दिया

कई जगहों पर इन शेडों के भीतर या आसपास निराश्रित पशुओं का जमावड़ा लगता रहता है। इससे गंदगी फैलती है। लोग इन विश्रामस्थलों में बैठने या खड़े होने से कतराते हैं। यहां कई तरह के विज्ञापन पोस्टर लगाकर इन्हें भर दिया गया है। कुर्सियां तक तोड़ दी है। पुराना अस्पताल के बार खड़े होकर ऑटोरिक्शा का इंतजार कर रहे मनीष वर्मा ने बताया कि जहां पहले आराम की उम्मीद थी, वहां अब खड़े रहना तक मुश्किल हो गया है। शहरवासियों की मांग है कि नगर परिषद शीघ्र इन विश्रामस्थलों की स्थिति को सुधारें। ताकि यह उपयोगी साबित हो सके।