पूरे प्रदेश की समस्या : किसानों को नहीं मिल रही गिरदावरी और नकल, भू-प्रबंध विभाग नहीं दे रहा ध्याननागौर कलक्टर पिछले 16 महीनों से लगातार भू-प्रबंध आयुक्त को लिख रहे पत्र
नागौर. प्रदेश में भू-प्रबंध विभाग की ओर से लागू किया गया राजस्व गिरदावरी एप पिछले काफी समय से कार्य नहीं कर रहा है, जिसके अभाव में काश्तकार न तो गिरदावरी नकल प्राप्त कर पा रहे हैं और न ही पटवारी एप के माध्यम से नकल जनरेट कर दे पा रहे हैं। गिरदावरी एप के साथ धरा एप और खसरा डॉट आरबीएएएस डॉट इन व जन सूचना पोर्टल या ई-मित्र के माध्यम से भी पिछले 4-5 वर्षों से ऑनलाइन की गई गिरदावरी नकल प्राप्त नहीं हो रही है।
विचारणीय बिन्दु यह है कि इस समस्या को लेकर नागौर जिला कलक्टर भू-प्रबंध विभाग के भू-प्रबंध आयुक्त एवं डीआईएलआरएमपी के नोडल अधिकारी को अब तक 16 पत्र लिख चुके हैं। कलक्टर डॉ. अमित यादव ने गुरुवार को 16वां पत्र लिखते हुए खरीफ फसल की गिरदावरी में आ रही समस्या से अवगत कराते हुए राजस्व अधिकारी एप एवं किसान गिरदावरी एप के अपडेटेड वर्जन अविलम्ब उपलब्ध कराने का आग्रह किया है।
ये आ रही हैं समस्याएं
- पिछले काफी समय से राजस्व अधिकारी एप नहीं चलने के कारण आदान-अनुदान सूचियां बनाने में अनावश्यक विलंब हो रहा है, क्योंकि सूचियां बनाने में किसानों का बोया गया रकबा एवं खराबा रकबा का अंकन करना होता है, ऐसे में बिना गिरदावरी एप चले आंकड़ा दर्ज करना संभव नहीं हो पा रहा है।
- राजस्व अधिकारी एप नहीं चलने के कारण किसानों को ऋण लेने तथा अन्य कार्य के लिए ऑनलाइन गिरदावरी की आवश्यकता रहती है, जो ऑनलाइन प्राप्त नहीं हो रही है तथा किसान पटवारी को हाथ से गिरदावरी बनाने के लिए बार-बार कहते हैं, जोकि डाटा ऑफलाइन उपलब्ध नहीं होने के कारण संभव नहीं है।
- पिछले काफी समय से ई-धरती तथा भू-नक्शा की साइट सही से नहीं चल रही है, जिससे नामांतकरण दर्ज करने में तथा दर्ज किए हुए नामांतकरण को लॉक करने में अनावश्यक समय लग रहा है।
अकेले नागौर की नहीं है समस्या
सरकार एक ओर जहां राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन करने का ढिंढ़ोरा पीट रही है, वहीं पिछले चार साल में ऑनलाइन किया गया रिकॉर्ड न तो किसानों को मिल रहा है और न ही राजस्व विभाग के कर्मचारियों को। काश्तकार के साथ-साथ राजस्व कार्मिकों के पास भी गिरदावरी रिकार्ड उपलब्ध रहना आवश्यक है, लेकिन ऑनलाइन होने के बाद से ऑफलाइन गिरदावरी रिकॉर्ड उनके पास है नहीं एवं ऑनालइन गिरदावरी कार्य किया, उसकी नकल जनरेट हो नहीं रही है। ऐसा नहीं है कि यह समस्या केवल नागौर जिले की है, बल्कि पूरे प्रदेश के काश्तकार एवं पटवारी इस समस्या से लम्बे समय से जूझ रहे हैं, जिसकी जानकारी बार-बार जयपुर में बैठे अधिकारियों को देने के बावजूद सुधार नहीं हो रहा है। पूर्व गिरदावारी के अन्तर्गत फसल खराबा हुआ, वर्तमान में उनके डीएमएस पोर्टल पर डेटा अपालोड करने का कार्य चल रहा है, लेकिन गिरदावरी नकल प्राप्त नहीं होने से यह कार्य भी प्रभावित हो रहा है।
इसकी भी मांग
गौरतलब है कि राजस्व अधिकारी गिरदावरी एप के स्थान पर हाल ही में नया किसान गिरदावरी मोबाइल एप चालू किया जा रहा है, इस एप में वर्तमान गिरदवारी करने का प्रावधान के साथ-साथ राजस्व अधिकारी गिरदावरी एप पर आदिनांक की गई गिरदवारी नकलें भी प्राप्त की जा सके, इसका प्रावधान करने की मांग भी कलक्टर ने पत्र के माध्यम से की है। ताकि काश्तकार वर्तमान गिरदवारी के साथ-साथ आदिनांक की गई ऑनलाइन गिरदावरी नकल भी प्राप्त कर सकें।
पिछले 9 महीने से नहीं मिल रही नकल
राजस्व अधिकारी गिरदावरी एप नहीं चलने से दिसम्बर 2022 से किसानों को गिरदावरी व नकल प्राप्त नहीं हो रही हैं। पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन होने से पटवारियों के पास भी ऑफलाइन रिकॉर्ड नहीं है। किसान गिरदावरी एप सहित अन्य एप नहीं चल रहे हैं, जिससे पिछले 4-5 वर्षों में की गई ऑनलाइन गिरदावरी नकल भी नहीं मिल रही है। हमने इस समस्या को लेकर जिला कलक्टर को अवगत करवाया है।
- बुधाराम जाजड़ा, जिलाध्यक्ष, जिला पटवार संघ, नागौर
भू-प्रबंध आयुक्त को पत्र लिखा है
राजस्व गिरदावरी एप नहीं चलने काश्तकारों व राजस्व कर्मियों को हो रही परेशानी को देखते हुए मैंने भू-प्रबंध आयुक्त को पत्र लिखा है। किसान गिरदावरी एप में आ रही दिक्कत व पटवारियों की हड़ताल को देखते हुए हम यह भी प्रयास कर रहे हैं कि मूंग की गिरदावरी कृषि पर्यवेक्षकों से करवाएं व जब तक एप सुचारू रूप से काम नहीं करता है, तब तक ऑफलाइन गिरदावरी कराने का विचार भी कर रहे हैं, ताकि फसल कटने से पहले गिरदावरी हो जाए।
- डॉ. अमित यादव, जिला कलक्टर, नागौर