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गृहस्थ सभी आश्रमों का मूल है

Nagaur. रामद्वारा केशव दास महाराज बगीची बख्तसागर में भागवत कथा प्रवचन करते हुए महंत जानकीदास ने भगवान श्री कृष्ण की ग्रह्स्थ दिनचर्या का वर्णन किया

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Grihastha is the root of all ashrams

Nagaur. Mahant Jankidas delivering Bhagwat Katha at Ramdwara Keshav Das Maharaj Bagichi Bakhtsagar

नागौर. रामद्वारा केशव दास महाराज बगीची बख्तसागर में भागवत कथा प्रवचन करते हुए महंत जानकीदास ने भगवान श्री कृष्ण की ग्रह्स्थ दिनचर्या का वर्णन किया। उन्होंने कहा भगवान श्री कृष्ण शास्त्रों की मर्यादा का पालन करते हुए ही अपनी दिनचर्या को करते हैं। भगवान श्री कृष्ण ने यह बताया कि गृहस्थ सभी आश्रमों का मूल है। आवश्यकता से अधिक संचय दुख का मूल कारण है। इसलिए व्यक्ति को चाहिए कि संग्रह करने की इच्छा का परित्याग कर करना चाहिए। भगवान श्री कृष्ण की आज्ञा है कि प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह जल को किसी प्रकार दूषित न करें। जीवन में शास्त्र के वचनों पर श्रद्धा रखेंगे तो जीवनर्या उत्तम सकती है। शास्त्रों के वचनों के उल्लंघन करने पर प्रतिकूल परिणाम मिलता है। असत्य जीवनचर्या का फल कभी निष्फल नहीं होता। इसलिए व्यक्ति को भगवान श्री कृष्ण की बताई हुई दिनचर्या को धर्म सम्मत अपनाना चाहिए।
आगार में लगाए पौधे
नागौर. मंछाराम फरड़ौदा की स्मृति में गुरुवार को मेहराम फरड़ौदा परिचालक एवं यातायात निरीक्षक राजेश फरड़ौदा की ओर से आगार द्वारा आगार परिसर में पौधे लगाए गए। इसकी सुरक्षा के लिए ट्रीगार्ड भी लगवाया गया। इस दौरान यातायात प्रबंधक विकास बोहरा, सखदेव ओझा, पंकज टेलर रामचंद्र सिसोदिया जयप्रकाश पिण्डेल एवं नोरतन डिडेल रामनिवास चालक आदि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
नागौर. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन को दिया गया। जिला संयोजक धर्मेन्द्र इनाणा की ओर से भेजे गए ज्ञापन में अवगत कराया गया कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय में पढ़ाई की उपेक्षा से सामजिक क्षेत्र में अपराध बढ़े हैं। गत वर्षों से कोरोना काल से उच्च शिक्षण संस्थानों की उपेक्षा व अनदेखी से छात्र हितों की हानि हो रही है। सामाजिक क्षेत्र में निरन्तर बढ़ते अपराध युवाओं को भ्रमित करने क साथ प्रदेश की छवि धूमिल कर रहे है। छात्र हित में मांग की गई कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के विद्यार्थियों की वार्षिकए सेमेस्टर एवं परीक्षा शुल्कों की यथासमय पुनर्सरचना करने के साथ ही अभोग्य शुल्क मदो के अतिरिक्त भार को हटाया जाना चाहिए। इसके अलावा ग्रामीण व कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को शुल्क में विशेष छूट देने, प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र के लीक होने आदि के प्रकरणों पर सख्ती से कार्रवाई होनी चाहिए। इसके साथ प्रदेश में बढ़ते विभिन्न प्रकार के अपराधों पर रोक लगाने एवं छात्रहित से जुड़ी अन्य मांगों के पूर्ति की मांग की गई।