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इस बार मीन-गुरु एवं शुक्र की युति के शुभ योग में होगा होलिका दहन

आठ दिन नहीं होंगे कोई शुभ कार्य, होलिका दहन के दिन कुंभ राशि में सूर्य, बुध और शनि का त्रिग्रही योग

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holi dahan

नागौर. होलिका दहन छह मार्च को होगा। मुहूर्त चिंतामणि ग्रंथ के अनुसार होली का दहन के लिए पूर्णिमा तिथि तथा प्रदोष काल का होना अति आवश्यक है। नागौर के सूर्योदय व सूर्यास्त समय के अनुसार निर्णय सागर पंचांग की गणना के आधार पर होलिका दहन प्रदोष काल में शाम 6 बजकर 38 से रात्रि 21 बजकर 6 मिनट तक शुभ रहेगा। इसके अलावा भद्रा उपरांत सुबह पांच बजकर 16 मिनट से छह बजे तक होलिका दहन के लिए समय उत्तम रहेगा।

पंडित सुनील दाधीच ने बताया कि होलिका दहन के दौरान इस बार योग ग्रहों के परिवर्तन से मेष, मिथुन, सिंह, धनु और मीन राशि के जातकों को शुभफल और लाभ के शुभ योग बनेंगे। होलिका दहन के दिन कुंभ राशि में सूर्य, बुध और शनि का त्रिग्रही योग बनेगा। मीन राशि में गुरु और शुक्र की युति से भी शुभ योग बन रहे हैं। शुक्र अपनी उच्च राशि में होने से मालव्य योग और गुरु अपनी स्वराशि में होने से हंस नामक राज योग बन रहे हैं।

होलाष्टक में वर्जित रहेंगे शुभ काम

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से लेकर फाल्गुन पूर्णिमा यानि होलिका दहन तक होलाष्टक होता है। होलाष्टक को अशुभ दिनों में माना जाता है। इन दिनों में कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही है। पंचांग के अनुसार इस बार होलाष्टक 27 फरवरी से शुरू होगा। होली से पहले के आठ दिन होलाष्टक कहलाते हैं। होलाष्टक के दौरान कोई भी मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है। अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक मुख्य तौर पर गृह प्रवेश, मुंडन,विवाह, सोलह संस्कार जैसे शुभ कामों के अलावा नया घर, वाहन खरीदना या फिर कोई नया बिजनेस शुरू करने आदि की मनाही होती है। इस दौरान केवल स्नान-दान, जप-तप करने का विधान है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि असुर हिरण्यकश्यप ने इन आठ दिनों में भक्त प्रहलाद को बंदी बनाकर कई तरह की यातनाएं दी थी। इसी कारण इन आठ दिनों के दौरान कोई भी शुभ काम करने की मनाही होती हैं।