Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मंगला पशु बीमा योजना : पशुओं के बीमा की केवल बातें, पशुपालकों का नहीं मिलता क्लेम

नागौर जिले सहित प्रदेश में मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा के तहत बीमित पशुओं की मौत पर सरकार जारी नहीं कर रही क्लेम, योजना पर लग रहे सवालिया निशान, पशुपालक काट रहे विभाग के चक्कर

2 min read
Google source verification
Mangala Animal Insurance Scheme

मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना (पत्रिका फाइल फोटो)

नागौर. मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के तहत बीमित पशुओं की मौत होने पर पशुपालक को क्लेम देने की प्रक्रिया सरकार की घोषणा के एक साल बाद भी शुरू नहीं हो पाई है। नागौर सहित प्रदेश के अन्य जिलों में बीमित पशुओं की मौत के बावजूद पशुपालकों को क्लेम नहीं दिया जा रहा है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नागौर जिले में अब तक करीब 40 पशुओं की मौत हो चुकी है, जिन्होंने क्लेम के लिए पशुपालन विभाग में आवेदन भी कर दिया है, लेकिन क्लेम देना तो दूर, अभी तक प्रक्रिया ही शुरू नहीं की गई है। विभाग के कर्मचारी ऑफलाइन आवेदन तो ले रहे हैं, लेकिन क्लेम के लिए क्या प्रक्रिया रहेगी, इसकी जानकारी उन्हें भी नहीं है।

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने बजट घोषणा 2024-25 में मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के तहत प्रदेश में 21 लाख पशुओं का बीमा करने का लक्ष्य तय किया था, जिसके तहत इस वर्ष जनवरी माह में पशुओं का बीमा करने के लिए पंजीकरण शुरू करवाया। करीब दो माह तक चले पंजीकरण के बाद लॉटरी प्रक्रिया से पशुपालकों का चयन करने के बाद बीमा करना शुरू किया, जिसके तहत अब तक करीब 7 लाख पशुओं का बीमा किया गया और अभी प्रक्रिया चल रही है, जो अगस्त तक चलेगी। उधर, विभागीय उच्चाधिकारियों का कहना है कि सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में 42 लाख पशुओं का बीमा करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन वहीं दूसरी ओर जिन पशुओं का बीमा हो गया और उनमें जिनकी मौत हो गई, उनके पशुपालकों को क्लेम देने की प्रक्रिया ही शुरू नहीं की है। ऐसे में पशुपालक परेशान हो रहे हैं।

पूर्व मूख्यमंत्री गहलोत उठा चुके सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गत दिनों मंगला पशु बीमा योजना को लेकर सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए। गहलोत ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए कहा कि राजस्थान के पशुपालक याद कर रहे हैं कि एक तरफ कांग्रेस सरकार थी, जिसमें लम्पी से जान गंवाने वाली गायों के पालकों को 40,000 रुपए प्रति गाय दिए थे एवं भविष्य के लिए कामधेनु पशु बीमा योजना शुरू की। भाजपा सरकार ने इस योजना को बन्द कर मंगला पशु बीमा योजना की घोषणा की। पहले इस योजना की शर्तें ऐसी थी कि पशुपालकों ने दिलचस्पी नहीं ली। अब कई जिलों में योजना में पंजीकरण के बाद गायों तथा अन्य पशुओं की मृत्यु होने पर भी आज तक किसी भी पशुपालकों को योजना का लाभ नहीं मिला है। दिखावा करने के लिए भाजपा गो भक्त पार्टी बनती है पर असल में इनका चरित्र अलग है। यह दिखाता है कि भाजपा सरकार किसानों और पशुपालकों को लेकर पूरी तरह असंवेदनशील है एवं उन्हें कोई लाभ नहीं देना चाहती।

अभी प्रोसेस में है

मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना में क्लेम जारी करने का कार्य अभी प्रोसेस में है। एक दिन पहले ही क्लेम यूटिलिटी डवलप हुई है। अभी गाइडलाइन जारी नहीं हुई है। जल्द ही प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है।

- सत्यनारायण माथुर, संयुक्त निदेशक, बीमा क्लेम, एसआईपीएफ, नागौर