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लोकसभा में सांसद हनुमान बेनीवाल ने की मांग – वीर तेजाजी के नाम हो मंडोर एक्सप्रेस का नामकरण

locationनागौरPublished: Mar 15, 2021 10:15:43 pm

Submitted by:

shyam choudhary

नवीन रेल परियोजनाओं व स्टेशनों के विकास के मुद्दों पर बोले सांसद बेनीवाल- संसद में हुई रेल मंत्रालय की अनुदान मांगों की चर्चा में सांसद हनुमान बेनीवाल ने लिया भाग

hanuman beniwal  File pic.

hanuman beniwal File pic.

नागौर. नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोमवार को लोकसभा में रेल मंत्रालय की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए नागौर सहित राजस्थान के कई मुद्दों पर अपनी बात रखते हुए सरकार का ध्यान आकर्षित किया। सांसद ने कहा कि हमारे देश में रेल एक सेवा के साथ बहुत बड़ी व्यवस्था का हिस्सा भी है ऐसे में रेलवे स्टेशनो के आधुनीकरण से लेकर नई रेलवे लाइनों को स्वीकृत करने व दोहरीकरण जैसे महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए सरकार को मापदंडों में शिथिलता देने की जरूरत है। उन्होंने 12 व 13 मार्च 2020 को सदन में रेल मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा पर उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर मंत्री के जवाब की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि नागौर जिले के नागौर, मेड़ता रोड, डेगाना, मकराना, डीडवाना, कुचामन, लाडनूं सहित कई स्टेशनों पर दिव्यांगों व बुजुर्गों के लिए एस्कलेटर लगाए जाएं।
सांसद ने जोधपुर से मेड़ता होते हुए दिल्ली तक चलने वाली मंडोर एक्सप्रेस का नाम लोक देवता वीर तेजाजी के नाम से करने, भीलवाड़ा में स्वीकृत मेमू कोच फैक्ट्री परियोजना को मूर्त रूप देने व कुचामन तथा नावां सिटी रेलवे स्टेशनों पर बंद किए कई ट्रेनों के ठहराव को पुन: शुरू करने की मांग की।
निजीकरण पर उठाए सवाल
सांसद बेनीवाल ने सदन में कहा कि रेलवे के क्षेत्र मे बढ़ते निजीकरण को लेकर रेलवे में ही कार्यरत कार्मिकों और जनता के मन मे बहुद बड़ी शंका है। ऐसे में रेल मंत्री जब अनुदान मांगों की बहस का जवाब दें तो यह जरूर बताएं कि निजीकरण करने से वर्तमान में रेलवे विभाग के जो पद हैं, उनमे भविष्य में क्या प्रभाव पड़ेगा व रेलवे के क्षेत्र में सरकारी भर्तियों पर क्या फर्क पड़ेगा। साथ ही रेलवे में कई श्रेणी के जो रिक्त पद हैं, उन्हे कब तक भर लिया जाएगा, ताकि देश की जनता इस पर सरकार की मंशा व स्पष्टीकरण जान सके।
बुकिंग के हिसाब से लगे अतिरिक्त कोच
सांसद ने कहा कि भारत ने विश्व के टॉप पांच सबसे बड़े नेटवर्क वाले देशों में स्थान बनाया है, इसलिए आज यात्री भार को देखते हुए प्रत्येक ट्रेन में उसकी रवानगी से एक घंटे पूर्व तक ज्यादा बुकिंग हो जाने की स्थिति में अतिरिक्त कोच लगे, ऐसी व्यवस्था बनाई जाए। उन्होंने नागौर जिले के कुचामन, लाडनूं, डीडवाना, मकराना, नागौर, मूण्डवा व मेड़ता रोड सहित कई स्टेशनों के विकास के लिए वहां की आवश्यकता के क्रम में बजट जारी करने की मांग की।
जिले के स्टेशनों पर सुविधाएं बढ़ाने की मांग
सांसद ने यात्री भार के नियमों में शिथिलता देकर नागौर जिले के नागौर, कुचामन सिटी, डीडवाना, लाडनूं, मकराना व जिले के ही मेड़ता रोड स्टेशन पर स्वचालित एस्कलेक्टर व लिफ्ट लगाने की स्वीकृति प्रदान करने व मेड़ता रोड, नागौर, मूण्डवा व गोटन स्टेशन पर टीन शेड का विस्तार करने तथा मेडता रोड व नागौर सहित उपखण्ड मुख्यालय स्तर के शहरों, कस्बों के रेलवे स्टेशनों पर वीआईपी लॉन्ज बनाने की मांग की। साथ ही राजस्थान में धार्मिक व सामरिक दृष्टि को देखते हुए नागौर से फलौदी तक व कुचामन से डीडवाना तक नई रेलवे लाइन की स्वीकृति व राज्य की बहुप्रतीक्षित मेड़ता-पुष्कर रेलवे लाइन को केंद्र के स्तर से ही बजट जारी करने तथा मेड़ता रोड से खजवाना जाने वाले रास्ते पर फाटक संख्या 101 पर रेलवे ओवर ब्रिज बनाने की मांग की।
ताल-छापर अभ्यारण में 3 किमी एलीवेटेड पुल निर्माण की मांग
सांसद बेनीवाल ने सोमवार को लोकसभा में शून्यकाल में चूरू जिले के सुजानगढ़ तथा रतनगढ़ के मध्य स्थित विश्व विख्यात ताल छापर अभ्यारण में हजारों कुष्ण मृगों सहित चिंकारा व अन्य वन्य जीवों के संरक्षण के लिए ताल छापर अभ्यारण के मध्य से गुजर रही सडक़ पर 3 किलोमीटर एलिवेटेड ब्रिज बनाने की मांग की।
बेनीवाल ने कहा कि आए दिन होते सडक़ हादसों के कारण हिरण काल कवलित हो जाते हैं ऐसे में हिरणों के संरक्षण के लिए वाइल्ड लाइफ क्रॉसिंग के तहत भारत सरकार को राज्य सरकार अथवा किसी अन्य एजेंसी से अनुबंध कर के इस पुल निर्माण के लिए बजट स्वीकृत करने की जरूरत है, सांसद बेनीवाल ने इस अभ्यारण में आने वाले प्रवासी पक्षियों की तरफ भी सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि सरकार इस को संरक्षित करने के लिए ठोस उपाय करके इसे राष्ट्रीय श्रेणी का अभ्यारण भी घोषित कर सकती है।
गौरतलब है कि इस अभ्यारण में 27 सौ से अधिक कृष्ण मार्ग तथा 700 से अधिक चिंकारा है साथ ही कई तरह के वन्यजीव जीव इसमें निवास करते हैं, सांसद ने कहा कि इतने लंबे पुल निर्माण के लिए राज्य सरकार के पास उचित बजट नहीं है ऐसे में केंद्र सरकार को आगे आकर इस कार्य के लिए बजट जारी करने की आवश्यकता है।
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