पंचक के दौरान महाकाल यानि की भगवान शिव की पूजा करना भी बेहद शुभ होता है। इस दौरान शिवलिंग पर जल, तिल सरसों अर्पित करने से और शिव अभिषेक, पूजा अर्चना, रुद्री का पाठ करने से आपका जीवन कष्ट कारी नहीं होता। इसके साथ ही शिव जी की पूजा करने से शनि देव की कृपा प्राप्ति होती हैं। इसलिए पंचक काल में शिव पूजन अवश्य करना चाहिए। शनिवार से शुरू होने वाले पंचकों के दौरान कालभैरव, वीर हनुमान की आराधना का भी विशेष महत्व है। इस अवधि में हनुमान चालीसा, बजरंग बाण का पाठ करना और हनुमान मंदिर जाकर दीप दान करने से आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। करियर और निजी जीवन में इस उपाय को करने के बाद अच्छे बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
पंचक में यह करने की है मान्यता
ज्योतिष के अनुसार शनिवार के दिन काले रंग के वस्त्र, जूते, तिल, काली उड़द आदि का दान करने से भी आप लाभ प्राप्त कर सकते हैं। मान्यता भी है कि यह चीजें शनि के बुरे प्रभाव को तो कम करने के साथ ही सुरक्षित रखने का कार्य करती है। बताते हैं कि इन चीजों का दान शनिवार को करने से बिगड़ते काम भी बन सकते हैं। इन उपायों के अलावा शनिवार के दिन पीपल के पेड़ तले दीपक जलाकर पूजा करना भी फलदायी माना जाता है।
इसका रखना चाहिए ध्यान
पंचक, वो पांच नक्षत्रों का समय होता है जब अशुभ कामों का असर पांच गुना बढ़ जाता है! ये नक्षत्र हैं धनिष्ठा नक्षत्र का आखिरी चरण, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती। ज्योतिष के अनुसार, इन नक्षत्रों में चंद्रमा के होने पर किए गए बुरे कामों का फल कई गुना बढ़ जाता है। यह पंचक मृत्यु के बराबर परेशानी देने वाला होता है। इन पांच दिनों में किसी भी तरह के जोखिम भरे काम नहीं करना चाहिए। इसके प्रभाव से विवाद, चोट, दुर्घटना आदि होने का खतरा रहता है।