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Nagaur patrika…इस बार फिर हुआ ऐसा तो भविष्य में राजस्थान के पशु मेले में नहीं आएंगे…VIDEO

नागौर. रामदेव पशु मेले में देश के विभिन्न राज्यों से खरीद के लिए पहुंचे पशुपालकों में बलदेवराम पशु मेले के दौरान हुई घटना को लेकर खौंफ छाया हुआ है। इसको लेकर वह असमंजस की स्थिति में हैं। इस संबंध में वह पशु मेले में अधिकारियों से बातचीत कर आश्वस्त होना चाह रहे हैं कि इस […]

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नागौर. रामदेव पशु मेले में देश के विभिन्न राज्यों से खरीद के लिए पहुंचे पशुपालकों में बलदेवराम पशु मेले के दौरान हुई घटना को लेकर खौंफ छाया हुआ है। इसको लेकर वह असमंजस की स्थिति में हैं। इस संबंध में वह पशु मेले में अधिकारियों से बातचीत कर आश्वस्त होना चाह रहे हैं कि इस बार फिर से तो तथाकथित गौरक्षकों की ओर से उनके साथ मारपीट या उनके पशु परिवहन को लेकर कोई विवाद तो नहीं होगा। इसी आशंका के साथ वह गुरुवार को मेला प्रभारी के कार्यालय में पहुंचे, और अपनी आशंका भी जताई। इस दौरान किसानों की ओर से खेती के वीडियो एवं फोटोग्राफ प्रमाण के तौर पर प्रस्तुत किए गए। अधिकारियों ने उनको आश्वस्त किया कि उनके साथ इस तरह की स्थिति नहीं पेश नहीं होने दी जाएगी। इसको लेकर प्रशासन की ओर से आवश्यक प्रशासनिक कदम उठाए गए हैं। इस दौरान पशुपालकों से बातचीत हुई तो उनका डर साफ नजर आया। पशुपालकों का कहना था कि वह खेती के लिए नागौरी बैल लेने आए हैं, लेकिन इस बार उनके साथ ऐसी अप्रिय स्थिति बनी तो फिर वह राजस्थान के किसी भी पशु मेले में नहीं आएंगे।
पशुपालकों की जुबानी, झलका डर
बलदेवराम पशु मेले में से चार बैल खरीदकर ले जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उनकी गाड़ी रोक ली गई। अब तक वो बैल नहीं मिले हैं। इस बार बमुश्किल किसी तरह खेती के लिए रामदेव पशु मेले में बैल खरीदने आया हूं। इस बार ऐसा हुआ तो फिर कभी नहीं आऊंगा।
सुनीलराम वानखड़े, किसान, आकोला-महाराष्ट्र
बलदेवराम पशु मेले से खरीद के बाद जो पशुपालकों के साथ हुआ नहीं हुआ। यहां पर बैल खरीदने आया हूं। यहां आने पर अन्य पशुपालकों से इसके बारे में पता चला है। इससे अब अनजाना डर लगने लगा है। हजारों की खरीद पर पानी फिरा तो फिर मुश्किल हो जाएगी।
गोपाल अग्रवाल, किसान, आकोला-महाराष्ट्र
पशु मेले में नागौरी बैल खरीदने आया हूं। इसकी गुणवत्ता के बारे में बहुत सुना है। हमारे गांव में खेतों के जिस प्रकार ढांचे हैं, वहां पर ट्रेक्टर से जोताई नहीं हो सकती है। इसलिए नागौरी बैल खरीदने आया हूं।
तसलीम खान, किसान, आकोला-महाराष्ट्र
नागौरी बैलों की गुणवत्ता बहुत अच्छी होती है। यह काफी मेहनती होते हैं, जल्दी थकते नहीं हैं। जोताई के लिए तो यह सर्वश्रेष्ठ बैलों में आते हैं। यहां से दो बैल खरीदकर ले जाना है। सकुशल घर पहुंच जाएं इनको लेकर तो राहत मिलेगी।
स्वराज किशोर, खरोड़े, किसान, आकोला-महाराष्ट्र
पशुओं के परिवहन के दौरान खरीद कर ले जाने वाले पशुपालकों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आने देंगे। स्थिति यही रही तो फिर पशु मेले ही खत्म हो जाएंगे। इस बार ऐसा नहीं होने देंगे। इसलिए हर स्तर पर प्रयास किए जाएंगे। किसान एवं कृषि हित के लिए किसी भी स्तर पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
प्रेमसुख जाजड़ा, पर्यावरण प्रेमी
नागौर. महाराष्ट्र के आकोला में खेत में बैलों से जोताई करता किसान
हम लोगों के यहां खेत छोटे आकार के होते हैं। यह इस तरह से होते हैं कि वहां पर केवल बैलों से ही जोताई कराई जा सकती है। हमारे गांव में सभी बैलों से ही खेतों की जोताई करते हैं। इसलिए नागौरी बैल खरीदने आया हूं।
बंडू, किसान, आकोला-महाराष्ट्र