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नागौर- शहर को स्वच्छ बनाने को लेकर क्या है जनप्रतिनिधियों की सोच, पढ़े पूरी खबर

संकल्पित भाव से काम करने की जरुरत, शहर को स्वच्छ बनाने को लेकर जनप्रतिनिधियों का आम जन से आह्वान।

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नागौर. शहर को स्वच्छ व शहरवासियों को स्वस्थ रखने के लिए सभी की सहभागिता जरूरी है। शहरवासियोंं का भी उत्तरदायित्व बनता है कि वे कुछ समय शहर को स्वच्छ बनाने के लिए निकालें। गली-मोहल्ले व शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक है। शहर को सुंदर व स्वच्छ बनाने संकल्पित भाव से काम करना होगा। छोटी-छोटी आदतों में बदलाव कर व खुद के साथ लोगों को जागरूक कर स्वच्छता का सपना पूरा किया जा सकता है।

आती है उत्तरदायित्व की भावना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर स्वच्छता अभियान एक राष्ट्रीय आंदोलन बन चुका है। स्वच्छ भारत अभियान ने लोगों में उत्तरदायित्व की अनुभूति होनी चाहिए। पूरे देश में लोग स्वच्छता के कामों में सक्रिय रूप से सम्मिलित हो रहे हैं।
सीआर चौधरी, केन्द्रीय मंत्री, भारत सरकार

नागरिकों की सहभागिता जरुरी
हमें खुद की आदतों में बदलाव लाना होगा। अपने घर का कचरा दूसरों के घर के सामने डालने की प्रवृत्ति बदलनी होगी। साथ ही प्लास्टिक का उपयोग स्वच्छता अभियान में सबसे बड़ी बाधा है। कचरा पात्र का उपयोग करें।
हबीबुर्रहमान, विधायक, नागौर


आदतों में बदलाव लाए
शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए व्यक्ति खुद की आदतों में बदलाव लाएं। कचरा फेलाने से बचें। जब तक व्यक्ति अपनी सोच में बदलाव नहीं लाएगा तब तक स्वच्छता का सपना पूरा नहीं हो सकता।
सुनीता चौधरी, जिला प्रमुख, नागौर

खुद भी बनें जागरूक
कई ऐसी बीमारियां हैं जिनका प्रत्यक्ष संबंध साफ-सफाई की आदतों से है। मलेरिया, डेंगू, डायरिया और टीबी जैसी बीमारियां इसका उदाहरण हैं। सबसे पहले हमें खुद सफाई के प्रति जागरूक होना चाहिए।
ओमप्रकाश सैन, प्रधान, नागौर

लोगों का सहयोग जरूरी
‘स्वच्छ भारत’ का सपना साकार करने के लिए शहरवासियों को आगे आना होगा। केवल सरकारी तंत्र के भरोसे शहर को स्वच्छ नहीं बनाया जा सकता। लोगों को चाहिए कि वे अपने आसपास हर जगह साफ-सफाई रखे।
कृपाराम सोलंकी, सभापति, नगर परिषद, नागौर