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नागौर में नगर परिषद से खांचा भूमि लेने की मंशा पर फिर सकता है पानी

नागौर उपखंड अधिकारी दीपांशु सांगवान करेंंगे आवेदनों की जांच, जांच में सामने आ सकता है मिलीभगत का खेल

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नागौर में नगर परिषद से खांचा भूमि लेने की मंशा पर फिर सकता है पानी

Nagaur SDM wrote latter to Commissioner for Send strip land files

पत्रिका एक्सक्लूसिव नागौर. कब्जा, रजिस्ट्री और फिर चिपती के नाम पर जमीन देने के खेल को लेकर नगर परिषद एक बार फिर सुर्खियों में है। हालांकि इस बार खांचा भूमि देने से पहले ही शिकायत के चलते नागौर उपखंड अधिकारी ने पत्रावलियां तलब कर ली है। बेशकीमती चिपती जमीन कोडिय़ों के भाव दिए जाने से पहले ही शिकायत होने के कारण पत्रावलियां निरस्त की जा सकती है। गौरतलब है कि हींग लगे न फिटकरी रंग चोखा ही चोखा वाली तर्ज पर सरकारी जमीन पर कब्जा कर लोग रजिस्ट्री करवाते और नगर परिषद से चिपती के नाम पर शेष जमीन भी हथिया लेते हैं। महज कब्जा व रजिस्ट्री को आधार मानकर चिपती जमीन नहीं दी जा सकती, इसके बावजूद गत वर्षों में जमीन दी गई थी। नगर परिषद के खांचा भूमि विक्रय के नियम ताक पर भूखंड योग्य भूमि देने को झटका लग सकता है।

Nagaur Nagar Parishad News

100 वर्ग गज देने का प्रावधान

राजस्थान नगर सुधार नगरीय भूमि का निष्पादन नियम 1975 के तहत किसी भूखंड से लगती हुई भू पट्टी (स्ट्रीप ऑफ लैण्ड) जिसका अधिकतम क्षेत्रफल 100 वर्ग गज हो, का आवंटन आरक्षित दर की दोगुनी दर से किए जाने का प्रावधान है। भू पट्टी आवंटन करने से पूर्व यह सुनिश्चित किया जाएगा कि खांचा भूमि को किसी प्रकार से स्वतंत्र भूखंड के रूप में सृजित किया जाना संभव नहीं हो। नगर परिषद में खांचा भूमि के लिए पेश पत्रावलियों में आठ जनों ने 22.22 वर्ग गज भूमि नागौर सरस डेयरी के सामने चाही है। इसके अलावा 6 जनों ने अन्य स्थानों पर 95 से 99 प्रतिशत वर्ग गज भूमि के लिए आवेदन किए हैं। व्यावसायिक प्रयोजनार्थ बेची गई जमीन को इसी प्रयोजन से बेचने पर परिषद को ज्यादा आय हो सकती है।

नगर परिषद से मंगवाई पत्रावलियां

उपखंड अधिकारी दीपांशु सांगवान ने नगर परिषद आयुक्त को पत्र भेजकर 2015 से 2019 तक की पत्रावलियां तत्काल प्रस्तुत करने के लिए कहा है। इसमें वर्ष 2015 से 2019 तक गोगेलाव रोड पर खसरा नम्बर 53 पर चिपती जमीन के आवंटन संबंधी पत्रावलियां, 2015-19 तक के कब्जा नियमन की निस्तारित व विचाराधीन पत्रावलियों की सत्यापित प्रतियां तथा 2008-9 व 2015-16 की खांचा भूमि से संंबंधित दो अन्य पत्रावलियां मंगवाई गई है। सूत्रों के अनुसार नागौर उपखंड अधिकारी चिपती जमीन संबंधी पत्रावलियों की जांच कर जिला कलक्टर को रिपोर्ट सौंपेंगे। रिपोर्ट के आधार पर नगर परिषद में जमा चिपती भूमि के आवेदन निरस्त किए जा सकते हैं।

जांच कर देंगे रिपोर्ट

नगर परिषद से चिपती जमीन व नियमन से जुड़ी पत्रावलियां मंगवाई है। इनकी जांच कर जिला कलक्टर को रिपोर्ट सौंपेंगे।

दीपांशु सांगवान, उपखंड अधिकारी, नागौर


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