Nagaur. जिले में भूमिहीन कृषि श्रमिक कौशल विकास एवं श्रमता निर्माण प्रशिक्षण में कृषि यंत्रों का उपयोग करने के साथ पाली हाउस एवं ड्रीप संधारण आदि की दी जा रही जानकारी-पांच चरणों में पंचायत समितिवार लगेंगे दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर
नागौर. खेतो में काम करने वाले भूमिहीन कृषि श्रमिकों को अब तकनीकी तौर पर दक्ष करने का काम किया जाएगा। कृषि विभाग के आत्मा परियोजना की ओर से योजना के तहत जिले की कई ग्राम पंचायत समितियों में पांच चरणों में शिविर लगाकर इनको प्रशिक्षित करने का कार्य किया जाना है। शिविर में दो दिनों तक प्रशिक्षित करने का कार्य किया जाएगा। पहले चरण में एक एवं दो दिसंबर को लगे शिविर में जिले की पंद्रह ग्राम पंचायत समितियों में शिविर लगकर भूमिहीन कृषक श्रमिकों को प्रशिक्षित किया गया है। अब दूसरा चरण आठ एवं नौ दिसंबर को, तीसरा चरण चरण १२ एवं १३ दिसंबर को, चौथा चरण १५ व १६ दिसंबर को एवं पांचवां चरण २५ तथा २७ दिसंबर को चलेगा। पहले चरण में जिले की पंचायत समितियों यथा खींवसर में ग्राम पंचायत बिरलोका, मुण्डवा में हिलोडी, मेड़तासिटी में कात्यासनी, रिंयाबड़ी में गवारड़ी, भैरून्दा में माण्डल जोधा, डेगाना में डेगाना गांव, जायल में खिंयाला, नागौर मे रोहिणी, कुचामनसिटी में भांवता, मकराना में बूडसू, मौलासर में दयालपुरा, परबतसर में बाजवास, डीडवाना में छोटी खाटु, नांवा में चौसला व लाडनूं में लाछड़ी में शिविर में इनको प्रशिक्षित करने का कार्य किया गया है।
ऐसे होगा चयन प्रशिक्षण
राजस्थान कृषि संबल योजना के तहत भुमिहीन कृषकों का चयन संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच, पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी एवं कृषि पर्यवेक्षक की कमेटी की ओर से कृषि विभाग के माध्यम से कृषि श्रमिक सम्बल मिशन 2022-23 के तहत चिन्हित सूची में से चयन से किया जाएगा। चार ग्राम पंचायतों पर एक प्रशिक्षण का आयोजन निकटतम ग्राम पंचायत के गांव में होगा। 30 भुमिहीन कृषि श्रमिकों को प्रशिक्षित किए जाएंगे।
शिविर में इसका मिलेगा प्रशिक्षण
राजस्थान कृषि संबल योजना के तहत भूमिहीन कृषि श्रमिकों आवश्यकता के आधार पर कृषि यंत्रो का उपयोग एवं संधारण (हस्तचलित एवं अद्र्धयांत्रिक), उन्नत बागवानी तकनीक, संरक्षित संरचनाओं का संधारण पॉलीहाउस, ग्रीनहाउस, शेडनेट हाउस एवं ड्रीप संधारण, पौध संरक्षण यंत्रो का उपयोग एवं रखरखाव, जैविक आदान निर्माण की वैज्ञानिक विधियां व फल एवं सब्जी परिरक्षण विषय पर प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया जायेगा।प्रशिक्षण प्रगतिशिल कृषकों के खेत या, कृषि विज्ञान केन्द्र, कृषि विज्ञान उप केन्द्र पर आयोजित किये जाएंगे।
इनका कहना है...
राजस्थान कृषि संबल योजना के तहत भूमिहीन कृषक श्रमिकों को प्रशिक्षण दिए जाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। इसका उद्देश्य कृषक श्रमिकों को तकनीकी रूप से उनके कृषि से जुड़े किए वाले कार्यों में पारंगत करना है।
हरीश मेहरा उपनिदेशक एवं पदेन परियेाजना निदेशक आत्मा, नागौर
नागौर. नागौर पंचायत समिति की रोहिणी ग्राम पंचायत में प्रशिक्षण प्राप्त करते हुए भूमिहीन कृषक श्रमिक