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एक हैड कांस्टेबल व दो कांस्टेबल निलम्बित, सीओ व एसएचओ की भूमिका भी संदिग्ध

चोरी के झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर चालीस हजार रुपए ऐंठने के मामले मेंदोनों कांस्टेबल नपेदोनों ही मामलों में कुचामन सीओ व एसएचओ भी शक के दायरे में, इनकी भी अलग-अलग होगी जांच

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तीनों के निलम्बन का आदेश जारी

वर्दी की धौंस जमाकर चांदी काटना कुचामन सिटी थाने के एक हैड कांस्टेबल व दो कांस्टेबलों पर भारी पड़ गया। जुए-सट्टे के काले कारोबार को संरक्षण देने के आरोप में हैड कांस्टेबल तो चोरी में झूठा फंसाने की धमकी देकर चालीस हजार रुपए ऐंठने के मामले में दो कांस्टेबलों को निलम्बित किया गया है।

नागौर. वर्दी की धौंस जमाकर चांदी काटना कुचामन सिटी थाने के एक हैड कांस्टेबल व दो कांस्टेबलों पर भारी पड़ गया। जुए-सट्टे के काले कारोबार को संरक्षण देने के आरोप में हैड कांस्टेबल तो चोरी में झूठा फंसाने की धमकी देकर चालीस हजार रुपए ऐंठने के मामले में दो कांस्टेबलों को निलम्बित किया गया है।
इन दोनों मामलों में सीओ और थाना प्रभारी की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए अलग-अलग जांच अधिकारी तैनात किए गए हैं। एसपी राममूर्ति जोशी ने शुक्रवार को इन तीनों के निलम्बन का आदेश जारी कर इनका मुख्यालय पुलिस लाइन नागौर किया है। सूत्रों के अनुसार कुछ दिनों पहले एसपी राममूर्ति जोशी को कुचामन में जुए-सट्टे के काले कारोबार को पुलिस संरक्षण की शिकायत मिली थी। इस पर उन्होंने गोपनीय जांच कराई। इसमें क्यूआरटी हैड कांस्टेबल मुनीर खां संलिप्त पाया। यह सामने आया कि वो सटोरियों को संरक्षण दे रहा है और संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त है। उसके व्हाट््सएप पर जुए-सट्टेबाजों से मिलीभगत के अलावा अन्य पुलिस अधिकारियों के मैसेज भी संदेह के घेरे में पाए गए। जुए-सट्टे के कारोबार में सीओ संजीव कटेवा व एसएचओ मनोज मांचरा की भूमिका भी शक के दायरे में है। इस मामले में सीओ व एसएचओ की क्या भूमिका थी, इसकी जांच डीडवाना एएसपी विमल ङ्क्षसह को सौंपी गई है।
सूत्रों का कहना है कि कुछ दिन पहले पुलिस ने चोरी की मोटरसाइकिलें पकड़ी, गिरफ्तारी भी की। अब इन मोटरसाइकिल को कई बार सस्ती मिलने के चलते आम लोग रोजमर्रा काम के लिए खरीद ही लेते हैं तो कुछ लोग अपने फायदे अथवा सम्पत्ति के रूप में इसे ले लेते हैं। बताया जाता है कि कुचामन सिटी थाने के कांस्टेबल गोपाल ङ्क्षसह और नेमाराम भी इस मामले की तफ्तीश में थे। बताया जाता है कि एक जने को इन दोनों ने चोरी की वारदात में मुल्जिम बनाने की धमकी दी और पहले तो इससे पचास हजार रुपए मांगे। काफी हील-हुज्जत के बाद इस व्यक्ति ने इनको चालीस हजार रुपए दे दिए। यही नहीं इसने इस आशय की जानकारी तुरंत व्हाट््सएप के जरिए एसपी तक पहुंचा दी। इसकी पुष्टि कराई तो गोपाल ङ्क्षसह और नेमाराम की कलई खुल गई। मजे की बात तो यह कि जब मोटरसाइकिल की चोरी का खुलासा हुआ था तब कांस्टेबल गोपाल ङ्क्षसह विशेष योगदान देने वाला बताया गया था। इन दोनों पर आरोप है कि ये धौंसबाजी कर दो-तीन अन्य पर भी रकम ऐंठने की कोशिश में थे। इस मामले में भी कुचामन सीओ संजीव कटेवा और एसएचओ मनोज मांचरा की भूमिका पर जांच होगी। कुचामन एएसपी गणेशराम करेंगे।
सेवा का अधिकांश समय कुचामन में
सूत्र बताते हैं कि मुनीर खां की नौकरी का अधिकांश समय यहीं बीता है। यहां के एसएचओ का खास बना रहता है, यही नहीं जुए-सट्टे के अधिकतर मामले पकड़ में ही नहीं आने देता। जुआरी-सट्टेबाजों को संरक्षण देने के बदले अच्छी खासी रकम ऐंठता रहा है। यही नहीं अन्य आपराधिक मामलों के सेटलमेंट में भी कई बार वो खास भूमिका निभाता रहा है।
&दोनों ही मामलों में शिकायत पुष्टि के बाद हैड कांस्टेबल व दो कांस्टेबल को निलम्बित किया गया है। इन मामलों में विभागीय जांच होगी। एएसपी विमल ङ्क्षसह व एएसपी गणेशराम को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। कार्य के प्रति लापरवाही और पुलिस की छवि को धूमिल करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
राममूर्ति जोशी एसपी नागौर
उठते सवाल
चोरी की इतनी बाइकें पकड़ी गईं। एक तरफ खुलेआम जुआ-सट्टा खेलने वालों को संरक्षण दिया जाता रहा तो दूसरी ओर चोरी की मोटरसाइकिलों की तफ्तीश में क्या एक जने को ही धमकाकर पैसे ऐंठे गए क्या? इतनी मोटरसाइकिलें बरामद की गईं तो अन्य लोगों को भी इस तरह से शिकार बनाया गया होगा। खास बात तो यह कि ऐसी कारगुजारी का एसएचओ को पता नहीं था? पता था तो फिर संदेह उठना लाजिमी है। यही हाल जुआरी-सट्टेबाजों को खुले संरक्षण की है, क्या शिकायतें ही नहीं मिली और मिली तो कार्रवाई क्यों नहीं हुई? सीओ और एसएचओ इन निलम्बित हैड कांस्टेबल व कांस्टेबलों को प्रश्रय देने के आरोपों में भी घिर गए हैं।

करीब डेढ़ साल पहले भी
ऐसा ही मामला, एसएचओ तक निलम्बित
करीब डेढ़ साल पहले जून 2021 में कोतवाली के तत्कालीन सीआई जितेंद्र ङ्क्षसह फौजदार व एक हैड कांस्टेबल प्रेमाराम पर भी इसी तरह गाज गिरी थी। नागौर के बुकी अब्दुल रईफ मास्टर के साथ चल रहे सट्टेबाजी के खेल में शामिल चेनार सरपंच बल्लू उर्फ योगेन्द्र सोलंकी व अन्य के खिलाफ एक्शन लेने में ढील का आरोप लगा। उस दौरान पुलिस पर जुए-सट्टे को संरक्षण देने के आरोप लगे। कई जांच हुई। पनपती सट्टेबाजी और इसमें शरीक लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने को लेकर उस समय भी कुछ पुलिसकर्मियों पर संदेह उठा था।