
आत्महत्या की जांच सीबीआई से कराने सहित अन्य मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।
रेगर समाज के महासचिव मदनलाल बालोटिया ने बताया कि पिता के साथ गाली गलौच के मामले में पहले ओमप्रकाश रेगर एफआईआर दर्ज करवाने थाने पहुंचा। थाना प्रभारी ने प्रकरण दर्ज नहीं किया, बल्कि धमका कर निकाल दिया। इससे आहत होकर उसने आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में उसने छह जनों के नाम भी लिखे हैं।
ज्ञापन में रेगर विकास सेवा संघ नागौर के पदाधिकारियों ने राज्य सरकार से मांग की है कि पीडि़त परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। साथ ही 50 लाख रुपए मुआवजा देकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो। इस दौरान पर उपाध्यक्ष मोतीलाल नवल , ओपी वर्मा, कन्हैयालाल बंसीवाल तुलसीराम, हीरालाल, प्रह्लाद कुरडिय़ा, जस्सा राम, पूसाराम जाटोलिया, एडवोकेट भीखा राम फुलवारिया सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।
दबंगों ने गैस एजेंसी पर किया कब्जा
दिव्यांग महिला ने दी आत्मदाह की धमकी
-जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा, मामला कुचेरा थाने में भी दर्ज है
नागौर. एक दिव्यांग विधवा को कब्जाशुदा व मालिकाना हक से ही बाहर कर कब्जा कर लिया। उसकी ही गैस एजेंसी को अपने नाम करने की धमकी देकर दबंगों ने उसे प्रताडि़त तो किया ही उसके परिवार को जान से मारने की भी धमकी दी। पीडि़ता ने पहले थाने में रिपोर्ट लिखाई और अब कलक्टर से न्याय की गुहार लगाई है। उसने चेतावनी दी कि पांच नवंबर तक कब्जा नहीं हटाया गया तो वो अपनी पुत्रियों के साथ कलक्ट्रेट के समक्ष आत्मदाह कर लेगी।
रूण निवासी पीडि़ता उषा रानी पत्नी स्व मेघराज ने अपने ज्ञापन में बताया कि उसके नाम ग्राम रूण में साईनाथ गैस एजेंसी है। गत 31 अक्टूबर को कुचेरा निवासी महेन्द्र पाल चौधरी, यशपाल चौधरी, नथमल, बाबूलाल सैन आदि उसकी गैस एजेन्सी पर आए और हमला बोल दिया। उसे धमकी दी कि गैस एजेंसी मेरे नाम कर दे, आज के बाद आई तो पूरे परिवार को जान से मार देंगे। इसके अगले दिन भी ये रात को आए और गैस एजेंसी व गोदाम के ताले तोडक़र उस पर काबिज हो गए। वो अपनी पुत्री के साथ यहां पहुंची तो इन सब दबंगों ने उन्हें भगा दिया और एजेंसी में घुसने नहीं दिया। इस संबंध में उसने कुचेरा थाने में भी मामला दर्ज कराया। अब गैस एजेंसी के लाइसेंस के निलंबन होने के हालात हो गए हैं।
Published on:
04 Nov 2022 09:18 pm
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