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फास्ट-फूड में इस्तेमाल होने वाले तेल सेहत के लिए खतरा

कुचामनसिटी। शहर की चौपाटी और ठेले पर रोज़ाना बिकने वाले फास्ट-फूड का स्वाद शायद आपकी जीभ को ललचाता हो, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये वही स्वाद और खुशबू आपके शरीर पर भारी पड़ सकती है?

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कुचामनसिटी. पुरानी नगरपालिका के सामने सजे हुए फास्ट-फूड के ठेले।

-शहर में बासी तेल का इस्तेमाल, मानकों की अनदेखी परोस रही गंभीर बीमारियां

- चौपाटी और दुकानों पर गुणवत्ता की जांच नहीं

-बिना एफएसएसएआई प्रमाणन के बिक रहा फास्ट-फूड

कुचामनसिटी। शहर की चौपाटी और ठेले पर रोज़ाना बिकने वाले फास्ट-फूड का स्वाद शायद आपकी जीभ को ललचाता हो, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये वही स्वाद और खुशबू आपके शरीर पर भारी पड़ सकती है? बदलती जीवनशैली में फास्ट-फूड एक आरामदायक विकल्प बन चुका है, लेकिन क्या आप सोचते हैं कि इन स्नैक्स को तैयार करने में कौन से तेल का इस्तेमाल हो रहा है? यहां के ठेले पर तेल की गुणवत्ता की कोई जांच नहीं हो रही, और एफएसएसएआई प्रमाणन भी नदारद है। यह खबर नहीं सिर्फ शहर के स्वाद के शौकीनों के लिए, बल्कि उनकी सेहत के लिए भी एक गंभीर चेतावनी है। यह सीधे तौर पर सेहत से जुड़ा हुआ सवाल है, जिसे नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। यहां पुरानी नगर पालिका के पास स्थित चौपाटी और अन्य दुकानों पर लगने वाले ठेले सेहत के लिए खतरे की घंटी बने हुए हैं। यहां पर अधिकतर फास्ट-फूड को तेल में तला जाता है। लेकिन इन ठेलों पर तेल की गुणवत्ता और स्वास्थ्य मानकों की जांच करने वाला कोई नहीं है।

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चौपाटी और दुकानों पर सेहत का सवाल

पुराने नगरपालिका भवन के पास लगने वाली शाम की चौपाटी इसका सबसे बड़ा केंद्र है। इसी तरह शहर की छोटी-बड़ी कचौरी-समोसे की दुकानों और होटलों पर भी दिनभर भीड़ लगी रहती है। ग्राहक यह नहीं जानते कि उनका मनपसंद नाश्ता किस तेल से, कैसे और कितनी बार इस्तेमाल किए गए तेल में तैयार हो रहा है। जिसका सीधा असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। कई दुकानदार एक ही तेल को बार-बार इस्तेमाल कर रहे हैं। जो नियम और स्वास्थ्य मानकों का गंभीर उल्लंघन है।

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विशेषज्ञ राय: 5 किलो तेल का कितना उपयोग

स्वास्थ्य विशेषज्ञों और खाद्य सुरक्षा मानकों के अनुसार तलने के लिए इस्तेमाल होने वाले तेल (जैसे 5 किलो तेल) का उपयोग सीमित मात्रा में ही किया जाना चाहिए।

कितनी बार करें उपयोग:- स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक डीप फ्राई के लिए एक बार कढ़ाई में डाले गए तेल का उपयोग सिर्फ 1 से 2 बार ही किया जाना चाहिए। तेल का रंग गहरा होने या उसमें झाग आने पर उसे तुरंत बदल देना चाहिए।

क्या कहता है नियम:- खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के नियम स्पष्ट रूप से बताते हैं कि एक ही तेल को बार-बार गर्म करके इस्तेमाल करना खतरनाक है, क्योंकि यह तेल अपनी रासायनिक संरचना बदल देता है।

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बार-बार इस्तेमाल किया गया जहरीला तेल

जब तेल को बार-बार उच्च तापमान पर गर्म किया जाता है। तो उसमें हानिकारक तत्व बनने लगते हैं। इसे पोलर कंपाउंड्स कहा जाता है। एफएसएसएआई के अनुसार तेल में पोलर कंपाउंड्स की मात्रा 25 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।

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बार-बार इस्तेमाल किए गए तेल में तलने से हो सकती है ये गंभीर बीमारियां

1. कैंसर का खतरा:- तेल में हानिकारक कार्सिनोजेनिक तत्व उत्पन्न होते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं।

2. हृदय रोग:- बैड कोलेस्ट्रॉ का स्तर तेजी से बढ़ता है। जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ जाता है।

3. पेट की समस्याएं:- एसिडिटी, पेट में जलन और पाचन तंत्र की गंभीर खराबी हो सकती है।

4. उच्च रक्तचाप :- रक्त वाहिकाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।

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प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत

शहर के निवासियों ने प्रशासन और खाद्य सुरक्षा विभाग से मांग की है कि चौपाटी और अन्य फास्ट-फूड आउटलेट्स पर नियमित जांच की जाए। दुकानदारों के लिए तेल बदलने के नियमों का पालन करना अनिवार्य किया जाए और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाए।

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पत्रिका अपील

अगली बार जब आप चौपाटी या किसी दुकान पर तले-भुने स्नैक्स लें, तो तेल के रंग और गुणवत्ता पर जरूर ध्यान दें। जागरूकता ही बचाव है।

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इनका कहना:-

एक बार तेल में सिर्फ तीन बार फ्राई कर सकते है। इसके बाद में तेल जल जाता है। मामला ध्यान में आया है। शीघ्र ही जांच करेंगे।

बाबूलाल चौधरी, फूड इंस्पेक्टर, डीडवाना-कुचामन