नागौर. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नागौर से अलग कर शुक्रवार को डीडवाना-कुचामन को नया जिला बनाने की घोषणा कर दी। इससे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई।
Rajasthan New district : नागौर. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नागौर से अलग कर शुक्रवार को डीडवाना-कुचामन को नया जिला बनाने की घोषणा कर दी। इससे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में 19 नए जिले बनाने की घोषणा कर दी। नागौर में बीते एक दशक से नया जिला बनाने की मांग थी। अब मांग पूरी हुई तो लोगों के चेहरों पर खुशी दौड़ गई। नया जिला बनने से अब दायरा घटने के साथ ही हर व्यक्ति की जिला मुख्यालय तक पहुंच आसान हो जाएंगी। क्षेत्रफल की दृष्टि से पांचवें सबसे बड़े नागौर जिले में अभी जिला मुख्यालय से अंतिम छोर की दूरी करीब 180 किलोमीटर हैं जो अब घटकर आधी से कम रह जाएंगी। जानकारों की माने तो इससे पहले वर्ष 2017 में भी नए जिलों के गठन की उम्मीद थी। लेकिन बाद में वो टल गई।
भौगोलिक दृष्टि से इतना पैचीदगीभरा था
क्षेत्रफल की दृष्टि से 17 हजार 718 वर्ग किलोमीटर भू-भाग में फैला नागौर जन संख्या की दृष्टि से प्रदेश का चौथा बड़ा जिला है। लेकिन भौगोलिक दृष्टि से इतना पैचीदगीभरा है कि प्रशासन तो क्या निजी संस्थानों के कामकाज के लिहाज से भी मुश्किलों से घिरा था। दूरी अधिक होने से कई काम दो दिन में करने पड़ रहे थे।
नए जिले में इन्हें कर सकते हैं शामिल
नावां, मकराना, परबतसर, कुचामनसिटी, डीडवाना, लाडनूं को शामिल किया जाना प्रस्तावित था।
कुचामन-डीडवाना थे दावेदार, सरकार ने निकाला रास्ता
Rajasthan New district नागौर से अलग होकर डीडवाना और कुचामन दोनों ही जिला बनने के बड़े दावेदार थे। हालांकि मेडतासिटी को भी जिला बनाने की बीते कुछ समय से मांग उठ रही थी। डीडवाना और कुचामनसिटी के जनप्रतिनिधियों की दावेदारी को देखते हुए सरकार ने दोनों ही जगहों के लोगों को नाराज किए बगैर डीडवाना-कुचामन के नाम से नया जिला बनाने की घोषणा कर दी।
आतिशबाजी कर मनाई खुशी
जिला बनाने की घोषणा के साथ ही लोगों में खुशी छा गई। कुछ जगहों पर लोगों ने आतिशबाजी की। ढोल की थाप लोक थिरक उठे। एक -दूसरे का मुंह मीठा कराया गया।
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
नागौर के पुनर्गठन की मांग राजस्थान पत्रिका ने उठाई थी। पत्रिका ने बताया था कि नागौर से अलग होकर क्यों एक और जिला बने। इसे बाद में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने विधानसभा तक पहुंचाया। पत्रिका ने लोगों की राय ली जिसमें 90.8 फीसदी लोगों ने माना था कि नागौर का पुनर्गठन कर नया जिला बनाया जाना चाहिए।