नागौरPublished: Aug 05, 2021 11:24:24 pm
Sharad Shukla
Nagaur. नाराज अभिभावकों ने विवेकानन्द मॉडल स्कूल के संस्था प्रधान व शिक्षकों पर लगाया भेदभाव का आरोप- अभिभावकों ने कहा कि अपने चहेतों को अयोग्य होते हुए भी रेवडिय़ों की तरह दे डाले नम्बर- सीबीएसई बोर्ड अधिकारियों को भी भेजेंगे शिकायत- अभिभावकों ने कहा कि बोर्ड इस पर करे कार्रवाई या फिर कराए परीक्षा- कलक्टर से भी मिलकर करेंगे प्रतिभाओं के साथ भेदभाव करने के आरोप की शिकायत
Nagaur. Students came to protest against the low marks obtained in the examination results announced by CBSE
नागौर. सीबीएसई की ओर से गत मंगलवार को जारी 10वीं परीक्षाफल के परिणाम जारी होने के बाद इसमें मिले अंको लेकर जिला मुखयालय के विवेकानंद मॅडल राजकीय विद्यालय के परीक्षार्थियों एवं अभिभावकों में असंतोष भडक़ गया। इससे नाराज अभिभावक एवं विद्यार्थी बुधवार सुबह विद्यालय जा पहुंचे। अभिभावकों विद्यालय पर सीबीएसई बोर्ड को भेजे गए अंक में धांधलेबाजी करने का आरोप लगाया। आरोपित किया कि आठवीं से लेकर नौवीं तक बेहतर प्रदर्शन करने वाले बच्चों के औसत से भी कम अंक एवं पूर्व में कमजोर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों के बेहतर प्राप्तांकों में गड़बड़ी की गई है। इसको लेकर अभिभावकों एवं प्रधानाचार्य के बीच करीब पौन घंटे तक गतिरोध की स्थिति बनी रही। इसके बाद भी बात नहीं बनी तो फिर अभिभावकों ने उपखंड अधिकारी के पास जा पहुंचे। यहां पर वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए ज्ञापन देकर इस पूरे प्रकरण की जांच कराए जाने की मांग की।
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से घोषित हुए परिणाम के बाद राजकीय विवेकानंद मॉडल स्कूल के विद्यार्थियों में असंतोष की स्थिति उत्पन्न हो गई। बोर्ड की ओर से परिणाम देखने के लिए बनी अधिकारिक वेबसाइट में जाकर कई विद्यार्थियों ने गणित सहित अन्य विषयों के अंक देखे तो इनके होश उड़ गए। परिणाम में मिले अंक बेहद कम होने के साथ अप्रत्याशित रूप से चौंकाने वाले रहे। इससे नाराज बच्चों एवं अभिभावक बुधवार सुबह एकजुट होकर विवेकानंद मॉडल स्कूल पहुंच गए। यहां पर अभिभावकों ने परस्पर बैठक करने के बाद स्कूल के प्रधानाचार्य राधाकृष्णन से मुलाकात की। बच्चों को गणित सरीखे विषय में 33 प्रतिशत तक मिले अंक के बारे में सवाल-जवाब किए। प्रतिउत्तर में प्रधानाचार्य राधाकृष्णन की ओर जवाब मिला कि बच्चों को मिले विषयागत अंक सीबीएसई बोर्ड की गाइडलाइन के अनुसार हैं। इस पर अभिावक एवं बच्चे संतुष्ट नहीं हुए। इनका कहना था कि विद्यालय में आठवीं से लेकर अब तक श्रेष्ठतम प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों के अंक न केवल औसत से भी कम हैं, बल्कि इनकी योग्यता के प्रतिकूल हैं। जबकि पूर्व में न्यून प्रदर्शन करने वाले बच्चों के इनकी तुलना में काफी अच्छे अंक आए हैं। इसको लेकर दोनों पक्षों में सवाल-जवाब का क्रम करीब पौन घंटे तक चला। अभिभावकों ने प्रधानाचार्य पर कथित रूप से अपने चहेतों को अयोग्य होते हुए भी रेवडियों की तरह बांट दिए, जबकि शानदार प्रदर्शन करते आए विद्यार्थियों के इतने कमतर अंक किसी के गले नहीं उतरते।
कापियां दिखाने पर अड़े अभिभावक, नहीं माने संस्था प्रधान
अभिभावकों ने प्रधानाचार्य राधाकृष्णन से बोर्ड में भेजे अंकों की प्रतियां व किस आधार पर अंक दिए गए आदि तथ्यों की पुष्टी करने के लिए कांपियां दिखाए जाने की मांग की, लेकिन प्रधानाचार्य नहीं माने। प्रधानाचार्य का कहना था कि यह कापियां सीलबंद हो चुकी हैं। सारी प्रक्रिया बोर्ड को भेजी जा चुकी है। इसे केवल सीबीएसई बोर्ड के अधिकारी ही देख सकते हैं। इसको लेकर दोनों के बीच काफी देर तक बहस होती रही।
उपखंड अधिकारी को ज्ञापन दिया
प्रधानाचार्य के जवाब से निराश अभिभावक पूनमचंद, संजू एवं जुगलकिशोर, संतोष एवं सरोज वर्मा आदि उपखंड अधिकारी के पास जा पहुंचे। कापियां जांच के नाम पर बोर्ड को भेजे गए अंकों में धांधलेबाजी का आरोप लगाते हुए ज्ञापन दिया। आरोपित किया कि प्रधानाचार्य की ओर से विशेष तौर केवल अपने ही चहेतों को बेहतर अंक दे दिए गए, जबकि उनके बच्चों को जानबूझकर कम अंक दिए गए। इससे बच्चों का भविष्य प्रभावित होगा। विशेषकर गणित, अंग्रेजी एवं विज्ञान आदि विषयों में मिले अंक की नए सिरे से जांच कराने की मांग की गई।
दूसरों के ज्यादा, इनके कम अंक कैसे आ गए
अभिभावक पूनमचंद, संजू एवं जुगलकिशोर, संतोष एवं सरोज वर्मा आदि ने प्रधानाचार्य पर आरोप लगाया कि विद्यालय में मेधावियों के अंक में इतनी गिरावट कैसे आ गए। जबकि अब तक की कक्षाओं में इनके कम कभी कम नहीं रहे। सालों से औसत अंक लेकर आने वाले विद्यार्थियों के अचानक से इतने अंक कैसे दे दिए गए। जाहिर सी बात है कि इस बार बदली हुई व्यवस्था का दुरुपयोग करते हुए अपने ही लोगों को फायदा पहुंचाने का काम कर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया गया है।
इनका कहना है…
परीक्षाफल में विद्यार्थियों को मिले अंक केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से निर्धारित मापदंड के तहत मिले हैं। इनमें से किसी भी विद्यार्थी के साथ कोई भेदभाव आदि नहीं किया गया है। असंतुष्ट विद्यार्थी पुन: परीक्षा में शामिल होकर अपने अंक में सुधार करा सकते हैं।
राधाकृष्णन, प्रधानाचार्य राजयकी विवेकानंद माडल स्कूल नागौर