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Nagaur patrika…प्रमुख सडक़ों पर से गायब हुए फुटपाथों को तलाश रहा शहर…VIDEO

नागौर. शहरी विकास का दावा करने वाले जिम्मेदारों की बेपरवाही शहर के प्रमुख स्थानों की जगह से फुटपाथ को ही गायब कर दिया गया। अब स्थिति यह है कि सुगन सिंह सर्किल से लेकर केन्द्रीय बस स्टैंड तक कहीं पर भी फुटपाथ नजर नहीं आता है। फुटपाथ की जगह वाहन सडक़ों के किनारे सफर करने […]

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नागौर. शहरी विकास का दावा करने वाले जिम्मेदारों की बेपरवाही शहर के प्रमुख स्थानों की जगह से फुटपाथ को ही गायब कर दिया गया। अब स्थिति यह है कि सुगन सिंह सर्किल से लेकर केन्द्रीय बस स्टैंड तक कहीं पर भी फुटपाथ नजर नहीं आता है। फुटपाथ की जगह वाहन सडक़ों के किनारे सफर करने में लोगों को मुश्किलें होने लगी हैं। स्थिति इतनी खराब हो गई है इसकी वजह से सडक़ों पर अस्थाई अतिक्रमण होने के कारण अब पैदल चलने की जगह ही नहीं मिल पा रही है। विशेषकर बाजारों की हालत बेहद खराब हो चुकी है। स्थिति यह है कि पुराने शहर यानि की परकोटे के अंदर बने बाजारों में एक सिरे से नजर डालने पर पूरे बाजार में कहीं भी फुटपाथ नजर नहीं आता है।
शहर के विभिन्न स्थानों में बने व्यवसायिक एवं आवासीय श्रेणी में आने वाले क्षेत्रों में फुटपाथ की व्यवस्था पूरी तरह से गायब हो चुकी है। सुगन सिंह सर्किल से लेकर केन्द्रीय बस स्टैंड के चौराहे तक नजर डालने पर फुटपाथ की जगह तलाश करने के बाद भी कहीं भी नजर नहीं आता है। विशेषकर तिगरी बाजार, तहसील चौक, गांधी चौक, ए रोड, बी रोड, मानासर चौराहा, सुगन सिंह सर्किल, नया दरवाजा, किले की ढाल, सदर बाजार, सर्राफा बाजार, पंसारी बाजार एवं पुराना जिला अस्पताल मार्ग आदि क्षेत्रों में से फुटपाथ मिलता ही नहीं है।
जान-जोखिम में डाल कर सडक़ पर चल रहे राहगीर
इसे विंडबना ही कही जाएगी कि शहर में करोड़ों रुपये खर्च के बनाए गए सडक़ों के बावजूद राहगीरों के फर्राटा भरते वाहनों के बीच जान जोखिम में डाल कर सडक़ पर ही पैदल चलने मजबूर है। हाल ये है कि कलेक्ट्रेट से लेकर सुगन सिंह सर्किल, मानासर चौराहा, दिल्ली दरवाजा मूण्डवा चौराहा से विजयबल्लभ चौराहा जाने वाले रास्तों के दोनों तरफ के फुटपाथ पर सब्जी, फल, पान, चाय, हेलमेट सहित अन्य सामान बेचने वालों ने कब्जा कर लिया है। यही नहीं, बल्कि तिगरी बाजार, सदर बाजार पंसारी बाजार आदि क्षेत्रों में तो फुटपाथ पूरी तरह से गायब हो गए हैं।
फुटपाथ के अभाव में बनी असुरक्षा की स्थिति
सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट ने 2008 में किए गए एक सर्वेक्षण के बाद अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सडक़ पार करते समय 10 में से 9 पैदल चलने वाले अपने को असुरक्षित महसूस करते हैं। पैदल चलने वालों की संख्या ज्यादा होने के बावजूद उनके लिए सडक़ पर सबसे कम जगह होती है। अब तो वह जगह भी छीन ली गई है। शहर की पॉश कॉलोनियों में सडक़ों का विकास इस तरह किया जा रहा है कि सडक़ें चौड़ी दिखे, मगर पैदल चलने वालों के लिए यहां भी कोई फुटपाथ नहीं है।
यह मिले हालात
शहर में पुराना जिला अस्पताल, सुगन सिंह सर्किल, मानासर चौराहा, कॉलेज रोड, दिल्ली दरवाजा अंदर व बाहर, विजयबल्लभ चौराहा, रेलवे स्टेशन चौराहा, गांधी चौक, पुलिस अधीक्षक आवास के पास एवं सदर बाजार आदि क्षेत्रों में मंगलवार को पड़ताल के दौरान फुटपाथ के अभाव में आम पैदल राहगीर सडक़ तक पार करने के लिए संघर्ष करता नजर आया। इन जगहों पर खड़े वाहनों चलते सडक़ मार्ग के 50 प्रतिशत हिस्से तक पूरी तरह से अस्थाई अतिक्रमण नजर आया। विशेषकर गांधी चौक, किले की ढाल व सदर बाजार आदि क्षेत्रों में। बाजारों में बीच सडक़ फर्राटा भरते वाहनों के बीच जान जोखिम में डाल सडक़ पर सफर करते लोग नजर आए।
पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ क्यों नहीं है
नगरपरिषद के पूर्व सहायक नगर नियोजक मामराज का कहना है कि शहर में पैदल चलने वालों के लिए मुसीबतें बढ़ रही है। पुराने फुटपाथ गायब हो गए हैं, वहीं नई बनने वाली सडक़ों पर तो एजेंसियों ने फुटपाथ बनाना ही बंद कर दिया है। पैदल यात्री वाहनों की रेलमपेल में जान जोखिम में डालकर सडक़ पर चलने को मजबूर है। शहर के ज्यादातर इलाकों में बाजार हो या फिर आवासीय क्षेत्र अथवा राजमार्ग, कई जगहों पर पैदल वालों के लिए जगह अब गायब होने लगी है। इसे व्यवस्थित करने के लिए
इनका कहना है…
शहर के प्रमुख बाजारों एवं क्षेत्रों में अतिक्रमण करने वालों को नगरपरिषद की ओर से चेताया जा चुका है। अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाइयां भी की गई हैं। इसके बाद भी बाजारों में अतिक्रमण है तो फिर इसे देखवा लिया जाएगा।
रामनतन चौधरी, आयुक्त नगरपरिषद नागौर