
खींवसर के भोजास में अवैध खनन रोकने की मांग को लेकर उपखण्ड कार्यालय पहुंचे ग्रामीण।
-प्रशासन ने कार्रवाई से मुहं मोडा
-हर समय हादसे की आशंका
खींवसर (एसं.) उपखण्ड के ग्राम भोजास में धड़ल्ले से अवैध खनन चल रहा है। जिला कलक्टर द्वारा दिए गए अवैध खनन रोकने के सख्त आदेशों की पालना नहीं हो रही है। सरकारी भूमि पर अवैध रूप से पत्थर निकालकर सरकार को राजस्व नुकसान पहुंचाया जा रहा है। पास ही स्थित सरकारी स्कूल के बच्चे ब्लास्टिंग के धमाकों की गूंज के बीच पढऩे को मजबूर है। कई बच्चे हादसे के भय से स्कूल जाने से कतराने लगे हैं। कई बार खनिज विभाग सहित स्थानीय प्रशासन को अवगत करवाने के बाद भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। ग्रामीणों में रोष पनप रहा है।
ज्ञापन देने पहुंचे
गुरुवार को बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन देकर अवैध खनन शीघ्र रूकवाने की मांग की है। छत्तरसिंह राठौड़, पप्पुराम मेघवाल, महेन्द्रसिंह राठौड़, उम्मेदाराम, मांगीराम नायक सहित बड़ी संख्या में लोगों ने उपखण्ड अधिकारी को बताया कि भोजास के खसरा नम्बर 395, 273, 269 व 294 में खननकत्र्ताओं द्वारा मजदूर लगाकर दिन दहाड़े अवैध खनन करवाया जा रहा है।
भयभीत है छात्र
अवैध रूप से खानों में ब्लास्ट किया जा रहा है। सुरंग छोड़ी जा रही है, पास ही पांचवीं तक का सरकारी विद्यालय है तथा ब्लास्ट के डर से बच्चे स्कूल जाने से कतराते है। पिछले वर्ष भी ब्लास्ट करने से स्कूल भवन को नुकसान हुआ था। बारूद से ब्लास्ट करने के कारण लोगों को जान-माल का खतरा बना हुआ है। उन्होंने क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध खनन को शीघ्र रूकवाने की मांग की है।
जिला मुख्यालय पर धरना 8 को
खींवसर. मीडियाकर्मी से दुव्र्यवहार के मामले में पंचायत समिति के ब्लॉक समन्वयक के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर सोमवार को पत्रकार संघ की ओर से कलक्ट्रेट के सामने धरना दिया जाएगा। इस मामले में एक दैनिक समाचार पत्र के संवाददाता की ओर से पुलिस को रिपोर्ट देने के बावजूद पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया है। उल्लेखनीय है कि तहसीलदार द्वारा की गई जांच में ब्लॉक समन्वयक को दोषी मानने के बाद खबरें प्रकाशित होने से आरोपित ने संवाददाता के साथ धक्कामुक्की कर दी थी। स्थानीय प्रशासन ने मेहरबानी दिखाते हुए केवल ब्लॉक समन्वयक की सेवाएं समाप्त की है। जबकि उसके खिलाफ आपराधिक धाराओं में पुलिस में मामला दर्ज किया जाना था। इस सम्बन्ध में उपखण्ड अधिकारी ने भी प्राथमिकी दर्ज कराने के मौखिक आदेश दिए थे, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते स्थानीय प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है।
Published on:
05 Jan 2018 10:03 pm
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