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नागौर

निगम के पास खुद का आसरा, फिर भी 2 दशक से शहर के फुटपाथ से बसों का संचालन

मेड़ता सिटी. 20 साल पहले लाखों रुपए की लागत से खुद का बस स्टैंड बनवाए जाने के बावजूद रोडवेज की बसें पालिका के निजी बस स्टैंड के सामने से संचालित हो रही है।

नागौरMay 24, 2024 / 01:22 pm

Ravindra Mishra

nagaur

मेड़ता सिटी. प्राइवेट बस स्टैंड के सामने दोनों तरफ खड़ी निगम की बसें।

– पालिका के निजी बस स्टैंड के सामने फुटपाथ से संचालित हो रही बसें, ट्रैफिक व्यवस्था बदहाल

मेड़ता सिटी. 20 साल पहले लाखों रुपए की लागत से खुद का बस स्टैंड बनवाए जाने के बावजूद रोडवेज की बसें पालिका के निजी बस स्टैंड के सामने से संचालित हो रही है। इस समस्या से सब परेशान हैं। आखिर, खुद का स्टैंड होने के बाद भी प्राइवेट बस स्टैंड के सामने सड़क फुटपाथ से संचालन ट्रैफिक व्यवस्था में बाधा बन रहा है। वहीं दूसरी तरफ रोडवेज की सरकारी संपत्ति बिना देखरेख के धूल फांक रही है। शहर की इस मुख्य समस्या को लेकर बुधवार को पत्रिका के “ग्रुपडिस्कशन’ कार्यक्रम के दौरान शहर के लोगों ने अपने विचार रखें। शहरवासियों ने एक स्वर में रोडवेज बसों के शहर से बाहर स्थित खुद के स्टैंड से संचालन की आवाज मुखर की।
जानिए, क्या बोले शहरवासी

पत्रिका ग्रुप डिस्कशन कार्यक्रम के दौरान राजुराम बेड़ा बोले शहर के बाहर निगम का बस स्टैंड बना हुआ है। जिसका उपयोग करते हुए वहां से बस स्टैंड का संचालन हो। जिससे शहर में ट्रैफिक व्यवस्था सुधर जाए। इस दौरान चेनारामसुदरी ने कहा कि लाखों की लागत से बने स्टैंड की यात्रियों को आज तक सुविधा नसीब नहीं हो सकी है। निजी बस स्टैंड के सामने निगम बसें संचालित होने से भीड़ ज्यादा रहती है। इसके साथ ही बेतरतीब फल-सब्जी के ठेले भी ट्रैफिक व्यवस्था में बाधा बन रहे हैं। इस दौरान सत्यनारायण ओड ने कहा- रोडवेज बसें शहर से बाहर खुद के स्टेशन से संचालित होनी चाहिए। ताकि शहर के लोगों को दिक्कतें नहीं उठानी पड़े। सुखाराम भाटी ने बताया कि निगम बसों के सड़क के दोनों ओर खड़े रहने से वाहन चालकों को दिक्कतें उठानी पड़ती है। अगर खुद के स्टैंड से संचालन हो तो लोगों को राहत मिलेगी। इस दौरान रामेश्वर बोराणा, मुकेश सर्वा, रामस्वरूप बोराणा सहित लोगों ने भी विचार रखे।
मेड़ता डिपो की भी उठी आवाज

कार्यक्रम में कांग्रेस से वि.स. चुनाव प्रत्याशी रहे शिवरतन वाल्मीकि ने कहा कि आम जनता को राहत मिलनी चाहिए। गर्मी के मौसम के दिनों में ट्रैफिक का दबाव भी बना रहता है। स्टेशन से बसें संचालित होगी तो सुविधाएं मिलेगी। सरकार की ओर से आवंटित 20 बीघा जमीन पर स्टैंड बना हुआ है। रोडवेज बस स्टैंड से ही निगम की बसें संचालित हो तो ताकि निजी बस स्टैंड पर ज्यादा भीड़भाड़ ना हो और यात्रा सुगम बनी रहे। साथ ही मेड़ता में डिपो बनना चाहिए, ताकि यहां से हर धार्मिक स्थल- रामदेवरा, सालासर, खाटूश्याम, नाथद्वारा तक बसें संचालित हो सके।
फैक्ट फाइल:-

– 2004 में 20 बीघा आवंटित भूमि पर रोडवेज बस स्टैंड का हुआ निर्माण।

– 50 लाख रुपए की लागत आई स्टेशन के निर्माण में।

– 20 सालों से नाम मात्र के 2-4 दिन यहां हो पाया रोडवेज का संचालन।
– 100 से अधिक बसों का प्रतिदिन शहर की मुख्य सड़क के दोनों तरफ से होता है संचालन।

स्टैंड से संचालित हो तो ये मिलेगा फायदा

– रोडवेज बस स्टैंड की सार-संभाल होगी, सरकारी संपत्ति सुरक्षित रहेगी।
– प्राइवेट बस स्टैंड के सामने बसें खड़ी नहीं होने से ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होगा।

– मेला मैदान के पास शहर के लोगों को रोजगार मुहैया हो सकेंगे।

– सर्दी, गर्मी, बारिश के दिनों में यात्रियों को खुली आसमां के नीचे बसों का इंतजार करने से राहत मिलेगी।
“बिजली का बिल, लीज भर रहे हैं… फिर भी संचालन नहीं करते’

“मेड़ता से नागौर और अजमेर की तरफ दिनभर में करीब 100 से अधिक बसों का यहां मैन रोड से संचालन हो रहा है। जबकि मेला मैदान में बने निगम बस स्टैंड का बिजली का बिल, लीज भरते हैं। फिर भी खुद के स्टेशन से संचालन नहीं करते हैं। जिससे आमजन परेशान है।’
– श्यामसुंदर सोमाणी, बस ऑपरेटिंग यूनियन संरक्षक व पूर्व अध्यक्ष।

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