
मोतीराम प्रजापत
चौसला (नागौर)। नए साल 2025 में राज्य के महत्वपूर्ण मेगा प्रोजेक्ट रेलवे ट्रायल ट्रैक के पूरा होने की उम्मीद है। यह भविष्य में राष्ट्र के विकास को नई ऊर्जा देगा। ट्रायल ट्रैक का निर्माण सांभर झील के किनारे किया जा रहा है।
इन दिनों ट्रायल ट्रैक के दूसरे फेज का काम अंतिम चरण में है। यह ट्रैक तैयार होने के बाद ट्रेनों की टेक्नोलॉजी में काफी बदलाव आएगा।
बता दें कि भारत में वर्तमान में एक भी ट्रेन के लिए परीक्षण ट्रैक नहीं है। नया साल रेलवे के लिए तकनीक में स्वर्णिम काल साबित होगा। यह ट्रैक बनने के बाद यहां 200 से 220 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हाई स्पीड ट्रेन, रेग्युलर, गुड्स वैगन के ट्रायल होंगे।
पहले ट्रायल ट्रैक गुढ़ासाल्ट से ठठाना मिठड़ी तक 58 किमी लंबाई में बनाना प्रस्तावित था। बाद में 5.56 किमी लंबाई में बवली गुढ़ा तक बढ़ा दिया है। अब कुल लंबाई 63.56 किमी है।
जाब्दीनगर रेलवे स्टेशन का निर्माण धौलपुर के पत्थरों को कुशल कारीगर तराशकर तैयार कर रहे हैं। इस स्टेशन पर मारवाड़ के स्थापत्य कला की झलक देखने को मिलेगी। ट्रेक पर कुल चार स्टेशन गुढ़ासाल्ट, जाब्दीनगर, नावां, ठठाना मिठड़ी और एक विश्व स्तरीय आधुनिक लैब बनेगी।
निर्माण कार्य 2025 में पूरा होने की पूरी उम्मीद है। पहले फेज का काम पूरा होने के बाद दूसरे फेज काम अंतिम चरण में चल रहा है। चारों स्टेशनों का काम भी चालू है।
-संदीप कुमार, इंजीनियर, ट्रायल ट्रैक
Updated on:
01 Jan 2025 12:04 pm
Published on:
01 Jan 2025 12:03 pm
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