Nagaur. क्षेत्रवासी पिछले सात दिनों से टीम बनाकर कर रहे सफाई
-क्षेत्रवासियो ने कहा, न सभापति सुन रहे, न ही आयुक्त, मजबूर होकर खुद ही जुटाए संसाधन, कचरा का कर रहे निस्तारण
-सडक़ नहीं बना सकते तो हमे बजट दे दें, हम बना देंगे पूरी सडक़ इमानदारी से
नागौर. शहर में रहने के बाद भी नगरपरिषद के सफाई कर्मी कभी आते ही नहीं। ऐसे में पूरे क्षेत्र में कई जगहों पर गंदगी के लगे अंबार के साथ उठती दुर्गन्ध से परेशान मोहल्लेवासियों ने नगरपरिषद का दरवाजा खटखटाया, लेकिन न तो सभापति ने सुनी और न ही आयुक्त ने। जिम्मेदारों की बेपरवाही से परेशान क्षेत्रवासियों ने आखिरकार खुद ही संसाधन जुटाए, और लग गए सफाई करने में। मामला शहर की श्रीराम कॉलोनी एवं राजपूत कॉलोनी का है। कॉलोनीवासियों का दर्द यह है कि अन्य आम लोगों की तरह भी प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष माध्यम से राज्य सरकार को कर तो अदा करते हैं, लेकिन इसके बाद भी उनको सुविधाओं के नाम पर धेला तक भी नहीं मिलता है।
सफाई के लिए टीम को अलग-अलग क्षेत्र सौंपे
शहर की राजपूत कॉलोनी एवं श्रीराम कॉलोनी के बाशिंदे पिछले एक सप्ताह से खुद ही पूरे क्षेत्र की सफाई करने में जुटे हुए हैं। सडक़ों के किनारों पर से गंदगियों को हटाकर उसको निस्तारण करने का कार्य खुद ही कर रहे हैं। इसके लिए पहले उन लोगों ने सामूहिक स्तर पर बैठक का आयोजन कर इस पर चर्चा की। इसके बाद टीम बनाई। टीम को इन लोगों ने खुद के स्तर पर अलग-अलग क्षेत्र सफाई के लिए सौंप दिया।इसके बाद क्षेत्र को साफ करने में टीम के सदस्य जुट गए। सफाई के साथ ही कचरा को हटाने के साथ ही उसके निस्तारण का जिम्मा भी टीम को सौंपा गया। ताकि क्षेत्र में एक जगह से गंदगी को हटाकर दूसरी जगह फेकने का काम न किया जाए। ऐसा किया गया तो फिर सभी की मेहनत पर पानी फिर जाएगा। स्थानीय बाशिंदों का कहना है कि वह प्रशासनिक बदइंतजामी से बेहद निराश हैं।
हाल-ए-कॉलोनी
मंगलवार को सुबह 11 बजे सबसे पहले श्रीराम कॉलोनी पहुंचे तो यहां पर टूटी सडक़ों के साथ फैला कीचड़ एवं गंदगी के बिखरे अंबार को को साफ करते स्थानीय कॉलोनीवासी नजर आए। कचरा एकत्रित करने के बाद उसे दबाना, और जलाने योग्य कचरा को जलाने काम कर रहे थे। कॉलोनी कई स्थानों पर सफाई नजर आने पर पूछा गया तो पता चला कि यह सफाई तो खुद कॉलोनीवासियों ने ही की है। कॉलोनी के मुख्य मार्ग की हालत बेहद खराब मिली। मुख्य मार्ग राजपूत एवं श्रीराम कॉलोनी दोनों के आने-जाने का रास्ता है। इस पूरे रास्ते की स्थिति बेहद खराब थी। यही स्थिति इसके बगल में स्थित राजपूत कॉलोनी की मिली। विशेष बात यह रही कि दोनो कॉलोनी के बाशिंदे सफाई कार्य में जुटे रहे।
दो घंटे तक चलता है सफाई कार्य
कॉलोनीवासियों ने बताया कि क्षेत्र में सफाई करने का कुल समय दो घंटे निर्धारित किया गया है। ताकि लोग सफाई व्यवस्था में भाग लेने के साथ ही अपने भी जरूरी कामों को निपटा लें। इसके बाद अगले दिन फिर से सफाई में जुट जाते हैं। स्थानीय बाशिंदों का कहना है कि क्षेत्र के पूरी तरह से साफ होने तक उनका यह सामूहिक अभियान जारी रहेगा।
अब जिम्मेदार नहीं कर रहे तो फिर खुद ही करनी पड़ेगी...
कॉलोनी में रहते हुए हमें कई बरस हो गए हैं। आज तक सफाई कर्मचारी को कॉलोनी में सफाई करते नही देखा। यथासमय क्षेत्रवासियों को ही इस तरह अभियान चलाकर सफाई कार्य करना पड़ता है। अब हमारे पास बजट नहीं है, नहीं तो हम सडक़ भी बना देते।
गणपत गौड़, श्रीराम कॉलोनी
पिछले कई दिनों से गंदगी वजह से लोग बीमार पड़ रहे थे। इस गंदगी की वजह से उठती दुर्गन्ध के कारण घरों में सांस लेना मुश्किल हो गया था। लोगों ने इस कॉलोनी से गुजरना ही छोड़ दिया था। रिश्तेदार भी इसे गंदगी वाला मोहल्ला कहकर पुकारने लगे थे। अब ऐसे में सामूहिक सफाई का अभियान चलाना पड़ा।
भगवत सिंह राठौड़, राजपूत कॉलोनी
जरूरत पड़ी तो सर्वोच्च न्यायालय तक जाऊंगा
स्थानीय पार्षद गोविंद कड़वा ने बताया कि उनकी ओर से इन्हीं समस्याओं को लेकर कोर्ट में परिवाद दाखिल कर रखा है। पेशी के दौरान आयुक्त देवीलाल बोचल्लया ने इन कार्यों को करने के लिए समय लिया था। इसके बाद भी सफाई सहित अन्य कोई भी कार्य नहीं कराया गया। इस संबंध में जल्द ही ठोस कार्रवाई कराई जाएगी। आवश्यकता हुई तो इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय तक भी चला जाऊंगा।