
Where did you go from Nagaur Transport Department ...
नागौर. परिवहन विभाग की बेपरवाही से निजी बसों की छतों पर सफर बस चालक यात्रियों की जिंदगी को खतरे में डालकर यात्रा कराने लगे हुए हैं। ऐसे दृश्य जिले के केन्द्रीय बस स्टैंड, बीकानेर रोड एवं पुराना हॉस्पिटल के पास कभी भी देखे जा सकते हैं। यह स्थिति तब है जब बीकानेर रोड पर ही जिला परिवहन कार्यालय होने के साथ ही दो से तीन निरीक्षक इन्हीं गतिविधियों की रोकथाम के लिए तैनात रहते हैं। अब सबकुछ इन्हीं की आंखों के सामने होता है और बेधडक़ बसों की छतों पर लेकर निकलते यात्रियों से भरी बस के खिलाफ रोकथाम के लिए कार्रवाई किए जाने की जहमत तक नहीं उठाई जाती।
जिला परिवहन कार्यालय की नाक के नीचे ही निजी बसों में न केवल ओवरक्राउडेड वाहन बेखौंफ सडक़ों का सीना रौंदने में लगे हुए हैं बल्कि उन्हीं के कार्यालय के सामने सहित शहर के प्रमुख मार्गों पर इस तरह के दृश्य कभी भी देखे जा सकते हैं। शहर के बीकानेर रोड, पुराना हॉस्पिटल के पास, मूण्डवा चौराहा, केन्द्रीय बस स्टैंड के सामने, इसके निकट ही डेड रोड पर सवारियां केवल बसों के अंदर ही नहीं, बल्कि उसके छतों पर बैठी हुई खतरों में सफर करते हुए नजर आती हैं। स्थिति इतनी खतरनाक रहती है कि जरा सा धक्का लगा या फिर अचानक बे्रक लगने की स्थिति में अनहोनी होने की आशंका बनी रहती है। यह हालात शहर में ही चंद किलोमीटर के फसले पर जिला परिवहन अधिकारी एवं एवं निरीक्षकों की तैनातगी के बाद भी पिछले कई दिनों से लगातार बने हुए हैं।
बसों पर ही नहीं, आटो का भी यही हाल
बसों की छतों पर ही नहीं, हाईवे पर सफर करते आटो वाहनों में भी अंदर एवं बाहर क्षमता से अधिक सवारियों के होने पर बाहर रेलिंग को पकड़े सफर करते हुए यात्रियों के दृश्य भी कभी भी देखे जा सकते हैं। शहर के डेह रोड, बीकानेर रोड पर बसों एवं आटो पर मंगलवार को ऐसे दृश्य कई बार देखने को मिले। इस संबंध में परिवहन अधिकारी बातचीत की जाती है तो हर बार रटारटाया जवाब मिलता है कि यथासमय कार्रवाई की जाती है। अब कार्रवाई होती है तो फिर इस तरह के दृश्य नजर क्यों आते हैं सरीखे सवालों पर परिवहन विभाग चुप्पी साध लेता है।
Published on:
21 Feb 2018 12:00 pm
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