6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कटहल के पौधों से महकेगा नागदा-खाचरौद, वनरोपणी में तैयार हो रहे १० हजार पौधे

किसानों की मदद से पर्यावरण संरक्षित किया जाना है उद्देश्य

2 min read
Google source verification
patrika

कटहल के पौधों से महकेगा नागदा-खाचरौद, वनरोपणी में तैयार हो रहे १० हजार पौधे

नागदा। विकासखंड नागदा-खाचरौद में अब कटहल के पौधे देखने को मिलेंगे। वनरोपणी नायन में करीब १० हजार पौधों को तैयार किया जा रहा है। जिसे किसान वर्षा ऋतु में खरीद कर अपने खेतों के चारों ओर लगा सकेंगे। बड़े वृक्षों के प्रति किसानों का रुझान बढ़ाए जाने का उद्देश्य बारिश के दिनों में होने वाले मिट्टी के कटाव को रोकना है। साथ ही किसानों द्वारा पर्यावरण संरक्षण करवाया जाना है। वनरोपणी नायन में तैयार होने वाले पौधों को छोटे पैकेट व बड़े पैकेट के आधार पर दिया जाएगा। छोटे पैकेट की साइज (१५*२५ सेमी) व बड़े पैकेट की साइज (२०*३० सेमी) रखा गया है। जिसकी कीमत १० से ३० रुपए प्रति पौधा रखा गया है। बता दें, कि पूर्व में उक्त पौधों को शासन की अनुदान योजना के आधार पर दिया जाता था। यदि किसान ६५ प्रतिशत पौधों को जीवत रखने में कामयाब हो जाता तो किसानों को अनुदान स्वरूप प्रति पौधे के मान से राशि दी जाती थी।
स्थानीय स्तर पर तैयार होते है पौधे
पौधों को तैयार किए जाने का कार्य नायन स्थित वन रोपणी में स्थानीय स्तर पर होता है। रोपणी में कार्य करने वाले कर्मचारी पहले बीजों का उपचार कर उसे ४० माइक्रोन के प्लास्टिक बैग में मिट्टी के साथ रखते है। साथ ही प्रतिदिन शॉवर सिंचाई कर पौधा तैयार किया जाता है। वनरक्षक दीपक परमार ने बताया कि, प्रत्येक पौधे की देखभाल प्रतिदिन किया जाना आवश्यक है। जरा की लापरवाही पौधों की गुणवत्ता को खराब कर देती है। कटहल जैसे विशेष पौधों को ग्रीन हाऊस बनाकर तैयार किया जाता है।
वनरोपणी का होगा विस्तारीकरण
सहायक विस्तार अधिकारी केके पंवार के अनुसार वर्तमान में नायन वनरोपणी के विस्तारीकरण का कार्य प्रगति पर है। रोपणी को बीते वर्ष से संवारा जा रहा है। वर्तमान में रोपणी को करीब ९५० हैक्टेयर में तैयार किया जा चुका है। आगामी दिनों में पूरे रोपणी को सुव्यस्थित किए जाने की योजना हैं।
इनका कहना-
क्षेत्र के किसानों को पर्यावरण को संरक्षित करने व मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए बड़े वृक्षों को लगाए जाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जिसको देखते हुए बड़े वृक्षों में कटहल के पौधे को शामिल किया गया है।
कृष्ण शर्मा
वन विस्तार अधिकारी