कहना है की इस क्षेत्र में आवागमन के लिए सड़क बन जाती है, तो इस जलप्रपात को देखने के लिए देश से लेकर विदेश तक के लोग पहुंचते। बरसात के दिनों में उपाल नदी का पानी इतनी उचाई से गिरता है तो देखने लायक नजारा रहता है। गांव में कभी कोई त्यौहार होता है तो ग्रामीण इस झरना के पास जाकर ही पिकनीक मनाते है। इस झरना को संवारने के लिए कोई पहल की जाती है, तो यह एक पर्यटन के रूप में विकसीत हो सकता है। जहां दूर दराज से लोग इसे देखने के लिए आएंगे। बाहर के लोग इसे देखने के लिए आने से ग्रामीणों को भी रोजगार उपलब्ध हो जाएगा।