इसके बावजूद शिक्षक बनकर भक्षक कार्य करने वाले आरोपी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने पुलिस एव जिला प्रशासन कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। जानकारी के अनुसार इस शासकीय स्कूल में सातवीं, आठवीं कक्षा में पढ़ रही छात्राओं का प्रधान अध्यापक समेत दो शिक्षक पिछले कई महीनों से शोषण कर रहे हैं। लेकिन छात्राएं शोषण का शिकार होने के बावजूद शिक्षकों की शिकायत करने के हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी।
इसी स्कूल में महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने गुड़ टच – बैड टच को लेकर जागरूकता शिविर का आयोजन किया था। इस जागरूकता शिविर से जागरूक होकर छात्राओं ने अपने साथ हो रहे शोषण की जानकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के कर्मचारियों को दी थी। इससे मामला संज्ञान में आने के बाद सीडब्ल्यूसी टीम ने शासकीय स्कूल पहुंचकर पीड़ित छात्राओं से मिलकर उनकी आपबीती सुनने के बाद बयान दर्ज करते हुए इसकी विस्तृत रिपोर्ट कलेक्टर सहित पुलिस प्रशासन को सौपी थी।
बच्चियों के साथ हुई घटना निंदनीयशासकीय स्कूल के 8 बच्चियों ने खुलकर अपने हुए अभद्र व्यवहार एवं शारीरिक शोषण करने बात बताई है। इन छात्राओं के दुर्व्यवहार करने वाले शिक्षकों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। इस तरह घटना होंने के बावजूद पुलिस एवं जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही नही करना निंदनीय है।
– संगीता सिन्हा, बालोद विधायक मामला संवेदनशील जिले के थाना क्षेत्र में स्कूल की छात्राओं ने शिक्षकों पर दुर्व्यवहार करने आरोप लगाने का मामला सामने आया है। इस सबंध ने महिला बाल विकास विभाग से एक रिपॉर्ट आई थी। वही कुछ छात्रों के परिजनों कलेक्टर को ज्ञापन सौपकर इस तरह का मामला नहीं होने बात कही थी। इस लिए मामला द्विपक्षीय होने के चलते कलेक्टर ने एसडीएम लेवल अधिकारियो की जांच टीम बनाई है। इस जांच टीम की रिपोर्ट आते ही अग्रिम कार्यवाही की जाएंगी।
– प्रभात कुमार, पुलिस अधीक्षक कलेक्टर ने एसडीएम की अध्यक्षता में जांच टीम गठित कीकलेक्टर विपिन मांझी ने इस पूरे मामले को लेकर एसडीएम की अध्यक्षता में एक जांच टीम का गठन किया है। टीम से रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस अग्रिम कार्रवाई करने की बात कह रही है। बाल कल्याण समिति के प्रतिवेदन को दरकिनार कर एसडीएम की अगुवाई में जांच टीम के प्रतिवेदन पर कार्रवाई करने की बात सामने आने से जांच टीम पर सवाल उठ रहे हैं। आदिवासी समुदाय के लोग और कांग्रेस के जनप्रतिनिधि जिला प्रशासन की कार्रवाई पर प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं।
इधर मामले का खुलासा होने के बाद तीनों शिक्षक मौके पर से फरार हैं। आरोपी शिक्षकों पर कार्रवाई नहीं होने से प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने घटना की जांच के लिए तीन सिटिंग एमएलए के साथ आठ सदस्य टीम का गठन किया था। इस टीम में संयोजक बालोद विधायक संगीता सिन्हा, सिहावा विधायक अंबिका मरकाम, भानुप्रतापपुर विधायक सावित्री मंडावी, पूर्व विधायक लक्ष्मी ध्रुव, पूर्व विधायक अनिता शर्मा,
जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कांकेर सुभद्रा सलाम, जिला पंचायत अध्यक्ष नारायणपुर श्यामबति नेताम, नगर पालिका अध्यक्ष नारायणपुर सुनीता मांझी शामिल है। इस टीम के सदस्यों ने संयोजक संगीता सिन्हा के नेतृत्व में पीड़िता बच्चियों के साथ मुलाकात कर उनके एवं परिजनों के बयान दर्ज किए है। इसके साथ ही एसपी प्रभात कुमार से मुलाकात कर की गई कार्यवाही जानकारी ली है। इस जानकारी के बाद जांच टीम अपनी रिपोर्ट प्रदेश कॉंग्रेस कमेटी को सौपेंगी।