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कोरी घाट से सर्किट हाऊस घाट तक बनेगी नर्मदा किनारे की 600 मीटर पिचिंग

नर्मदापुरम. कोरी घाट से सर्किट हाऊस घाट तक नर्मदा किनारे 600 मीटर पिचिंग का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए भोपाल की कंपनी से जल संसाधन विभाग का अनुबंध भी हो गया। जलस्तर कम होते ही इसका निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। इसके बनने से नर्मदा किनारे क्षतिग्रस्त पिचिंग से बन रहा खतरा भी टल जाएगा। गेवियन पद्धति से पिचिंग निर्माण के लिए भोपाल की कंपनी को 6 करोड़ 60 लाख रुपए में ठेका दे दिया गया है। नर्मदा किनारे टूटी पिचिंग के निर्माण को लेकर पत्रिका लगातार मुहिम चला रही थी। इसके बाद जल संसाधन विभाग ने निर्माण

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600 meter pitching of Narmada banks will be built from Kori Ghat to Ci

नर्मदापुरम. कोरी घाट से सर्किट हाऊस घाट तक नर्मदा किनारे 600 मीटर पिचिंग का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए भोपाल की कंपनी से जल संसाधन विभाग का अनुबंध भी हो गया। जलस्तर कम होते ही इसका निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। ,नर्मदापुरम. कोरी घाट से सर्किट हाऊस घाट तक नर्मदा किनारे 600 मीटर पिचिंग का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए भोपाल की कंपनी से जल संसाधन विभाग का अनुबंध भी हो गया। जलस्तर कम होते ही इसका निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।

जानकारी के मुताबिक जल सांसाधन विभाग अलग-अलग चरणों में पिचिंग का निर्माण कराएगा। पहले चरण के लिए विभाग ने जून में टेंडर बुलाए थे। इसमें कोरी घाट से सर्किट हॉउस तक नर्मदा किनारे की 600 मीटर पिचिंग का गेवियन पद्धति से बोल्डर को तारों में कस कर निर्माण करना है। विभाग के अनुसार भोपाल की नागपाल कंपनी को ठेका मिल गया है। निर्माण कार्य किस तरह होना है। उसकी गुणवत्ता आदि को लेकर कंपनी और विभाग के बीच अनुबंध हो गया है। नर्मदा का जल स्तर बढ़ा है। किनारे की मिट्टी भी गीली होने के कारण निर्माण स्थल तक मशीनों और सामग्री को पहुंचाने में परेशानी होगी। इसलिए जल स्तर कम होते ही कंपनी पिचिंग तक जाने रास्ते आदि बनाएगी। इसके बाद अधिकारियों की मौजूदगी में लगभग छह महीने में निर्माण हो जाएगा।

टल जाएगा मुख्य शहर में बाढ़ का खतरा
कोरी घाट और परमहंस घाट के बीच में टूटी पिचिंग से 1973 में बाढ़ से शहर में पानी घुस गया था। पिचिंग की कई बार मरम्मत की गई लेकिन मजबूती नहीं बन रही थी। इसलिए बार-बार पिचिंग टूट जाती थी। गेवियन पद्धति से निर्माण होने के बाद मजबूत और लंबे समय तक चलने वाली बनेगी। इससे मुख्य शहर भी बाढ़ के खतरे से सुरक्षित हो जाएगा।


विभाग ने तीन बार निकाले थे टेंडर
कोरी घाट और सर्किट हॉउस के बीच पिचिंग पूरी तरह टूट गई थी। इससे बाढ़ का पानी शहर में घुसने का खतरा बना था। बताया जाता है विभाग चार साल से इसके निर्माण के लिए टेंडर निकल रहा था लेकिन जिस पद्धति से निर्माण होना है। उसके लिए कोई ठेकेदार कंपनी नहीं मिली थी। इस बार भोपाल की कंपनी ने मौके का निरीक्षण कर निर्माण कार्य के लिए टेंडर डाला था।

विभाग ने तीन बार निकाले थे टेंडर
कोरी घाट और सर्किट हॉउस के बीच पिचिंग पूरी तरह टूट गई थी। इससे बाढ़ का पानी शहर में घुसने का खतरा बना था। बताया जाता है विभाग चार साल से इसके निर्माण के लिए टेंडर निकल रहा था लेकिन जिस पद्धति से निर्माण होना है। उसके लिए कोई ठेकेदार कंपनी नहीं मिली थी। इस बार भोपाल की कंपनी ने मौके का निरीक्षण कर निर्माण कार्य के लिए टेंडर डाला था।

600 मीटर की पिचिंग का ठेका दिया
भोपाल की नागपाल कंपनी को 6 करोड़ 60 लाख रुपए में कोरी घाट से सर्किट हॉउस घाट तक 600 मीटर की पिचिंग निर्माण करने का ठेका दिया है। कंपनी और विभाग के बीच अनुबंध कर लिया है। जल स्तर कम होते ही निर्माण शुरू हो जाएगा।

वीरेन्द्र कुमार जैन, एसई तवा जल संसाधन विभाग