बीमार गाय, भैंस को तीन घंटे में मिलेगा इलाज, बस डॉयल करें 1962

जिले को मिले 8 वाहन: माइक्रोस्कोप, फ्रीजर, कंटेनर, स्ट्रेटर, उपकरण, व दवाओं से लैस हैं एंबुलेंस
 
 

<p>बीमार गाय, भैंस को तीन घंटे में मिलेगा इलाज, बस डॉयल करें 1962</p>
नर्मदापुरम/जिले को आठ पशु स्पेशल एंबुलेंस की सौगात मिली है। सात वाहन सातों ब्लॉक के पशु चिकित्सा केंद्रों पर रहेंगे और एक नगरपालिका नर्मदापुरम क्षेत्र के लिए सुरक्षित रखा गया है। यह जिला मुख्यालय के आसपास माखनगर, नर्मदापुरम-इटारसी और सिवनीमालवा में पशु औषधालयों को छोड़कर चारों तरफ मूव करेगी। एक एंबुलेंस को आईटीआई के सामने संभागीय पशु चिकित्सालय में तैनात किया है। दूसरी केसला-इटारसी के लिए इटारसी औषधालय, तीसरी पशु चिकित्सालय माखननगर, चौथी सोहागपुर, पांचवीं पिपरिया, छटवीं बनखेड़ी एवं सातवीं एंबुलेंस सिवनीमालवा पशु औषधालय में रहेगी। वाहन सरकारी हैं। इसमें निजी कंपनी के जरिए पशु चिकित्सक एवं अन्य प्रशिक्षित स्टॉफ तैनात रहेगा। ये एंबुलेंस सेवा जिले में शुरू हो गई है।

एंबुलेंस में मिलेंगी यह सुविधाएं
एंबुलेंस में सारे उपकरण जैसे माइक्रोस्कोप, फ्रीजर, कृत्रिम गर्भाधान के लिए कंटेनर, पशुओं को बधिया करने स्टे्रटर, ऑपरेशन के लिए उपकरण, प्रतिमाह की 35 हजार रुपए दवाइयां उपलब्ध रहेंगी। एंबुलेंस के साथ एक-एक पशु चिकित्सक तैनात रहेंगे, उसका वेतन अनुबंधित निजी कंपनी देगी। उपस्थिति एवं कार्यों का लेखाजोखा पशु चिकित्सा विभाग करेगा। एबी फोर पेरावेट सहित एक चालक कम अंटेंडेंट जो पशुओं को पकडऩे का काम भी करेगा। नर्मदापुरम में दो एक-एक इटारसी एवं केसला में पशु चिकित्सक मिल गए हैं। बाकी एंबुलेंस एवं जगहों के लिए भी एक-दो दिन में पशु चिकित्सक पदस्थ हो जाएंगे।

ऐसे काम करेंगे वाहन
बीमार-घायल पशु के पालक कॉल सेंटर पर 1962 पर सुबह 9 से शाम 5 बजे तक कॉल कर सकेंगे। कॉल सेंटर से मैसेज मोबाइल पर आ जाएगा। लोकेशन लेकर ट्रेस कर टिकट जारी की जाएगी। विभाग ने जिले के सभी गांवों को संस्थावार मेप किए हुए हैं। कॉल सेंटर से मेप करने के बाद संबंधित ब्लॉक के पशु औषधालय के चिकित्सक के पास टिकट पहुंचेगी और हितग्राही के पास चिकित्सक का नंबर जाएगा। कुछ घंटे में अटेंड होकर पशुओं का उपचार होगा।

पशु पालकों को यह मिलेगा लाभ
इसमें चार तरह की सेवाएं रखी है। क्रिटिकल में 1 से 3 घंटे में अटेंड होगी। सामान्य सेवाएं 6 घंटे में निराकृत होंगी। तीन नंबर की सेवा में चिकित्सक पशु पालक को निर्देश देंगे कि दवाइयां संबंधित संस्था से प्राप्त कर लें। चौथी में हितग्राहियों को योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें गाइड किया जाएगा। पहली-दूसरी सेवा में 150 रुपए का टिकट शुल्क लगेगा। कॉल सेंटर वाला कर्मचारी इसके लिए समझाएगा। कॉल अटेंड कर बीमार-घायल पशुओं के त्वरित उपचार के लिए शाम छह बजे तक समय रहेगा।
कॉल सेंटर के जरिए होगी संचालित
जिले को शासन से सर्वसुविधायुक्त आठ एंबुलेंस मिल गई हैं। इन्हें सातों ब्लॉक के पशु ओषधालयों में तैनात किया गया है। गंभीर पशुओं का इलाज 3 घंटे एवं सामान्य शिकायतें 6 घंटे में निराकृत होंगी। ये एंबुलेंस 1962 कॉल सेंटर के जरिए संचालित होगी।
डॉ. संजय अग्रवाल, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं नर्मदापुरम
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