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कठिन है बाबा मठारदेव शिखर की डगर

हर साल बाबा मठारदेव मेला के समय नगरपालिका व समिति द्वारा बांस और बल्लियों की अस्थाई रैलिंग लगाई जाती है जो कुछ ही दिन साथ देती है।

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सारनी. श्रीश्री 1008 बाबा मठारदेव के शिखर मंदिर पहुंच मार्ग के खतरनाक मोड़ पर रैलिंग नहीं होने से हादसों का अंदेशा रहता है। कुछ स्थानों पर मठारदेव मेला समिति और नगरपालिका द्वारा रैलिंग लगाई गई है। लेकिन बरसात के दिनों में मिट्टी क्षरण के चलते अब यह जगह और भी जोखिम भरी हो गई है। अगले महिने में यहां दस दिवसीय मेला लगेगा, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्बालु बाब मठारदेव के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। हर साल मेला के समय नगरपालिका व समिति द्वारा बांस और बल्लियों की अस्थाई रैलिंग लगाई जाती है जो कुछ ही दिन साथ देती है। मठारदेव मेले की तैयारी को देखते हुए नपा उपाध्यक्ष भीमबहादुर थापा द्वारा मुख्य नगरपालिका अधिकारी को पत्र देकर शिखर से आधार मंदिर के बीच बैठक व्यवस्था करने की मांग की गई है। उन्होंने बताया कि तीन हजार फीट की चढ़ाई के दौरान श्रद्धालु थकान महसूस करते हैं। इसलिए आधार और शिखर मंदिर के बीच भक्तों के विश्राम के लिए ब्रैंच लगाई जाए।

मंदिर का होना है रंगरोगन : सतपुड़ा की पर्वत श्रंखला पर स्थित बाबा मठारदेव के शिखर मंदिर को रंगरोगन की जरूरत है। वर्षों से मंदिर की दीवारों पर चित्रकारी नहीं हुई है। इस कारण पुरानी चित्रकारी गिरने लगी है। बाबा मठारदेव मेला समिति और नगरपालिका परिषद को मेला से पूर्व इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके अलावा शिखर से आधार मंदिर के बीच मेले के दौरान पानी की वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए।

दस दिवसीय लगता है मेला
सतपुड़ा पर्वत श्रंखला की तलहटी में मकर संक्रांति पर 12 से 22 जनवरी तक दस दिवसीय विशाल मेला लगता है। जिसमें बैतूल जिले ही नहीं। बल्कि पूरे प्रदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मठारदेव के दर्शन करने शिखर मंदिर पहुंचते हैं। 14 जनवरी को एक लाख से अधिक भक्त बाबा के दर्शन करते हैं। जबकि पूरे मेले के दौरान 5 लाख से अधिक भक्त बाबा के दर्शन लाभ लेते हैं। नगरपालिका द्वारा बाबा मठारदेव मेले को महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। जिसमें कवि सम्मेलन, देवी जागरण, आदिवासी लोकनृत्य, आर्केष्ट्रा समेत अन्य कार्यक्रम होते हैं। इन कार्यक्रमों का आनंद लेने के लिए यहां नगर सहित आसपास से बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं।

बैठक आज होंगे निर्णय

समुद्रतल से तीन हजार फीट ऊंचाई पर स्थित श्रीश्री 1008 बाबा मठारदेव मेले को लेकर बुधवार को नगरपालिका द्वारा बैठक रखी गई है। इस बैठक में मेले की व्यवस्था पर जोर दिया जाएगा। नगरपालिका द्वारा आयोजित बैठक आधार मंदिर में स्थित मंगल भवन में होगी। जिसमें बाबा मठारदेव मेला समिति, अभिषेक समिति, भंडारा समिति, नगर के गणमान्य नागरिक, श्रद्धालुओं और सभी शासकीय विभाग के अधिकारी उपस्थित रहेंगे। मुख्य नगरपालिका अधिकारी पवन कुमार राय ने बताया कि बैठक दोपहर 2 बजे शुरू होगी। अध्यक्षता नपाध्यक्ष आशा भारती करेगी। बैठक का मुख्य उद्देश्य सफल आयोजन के लिए सुझाव लेकर अमल करना है।

पहुंच मार्ग के सबसे खतरनाक स्थान :

बाबा मठारदेव के शिखर मंदिर पहुंच मार्ग पर दो सबसे खतरनाक स्थान है। इसमें सबसे पहले सीधी चढ़ाई (हत्थी मत्था) है। जहां चढ़ते और उतरते समय हादसे का खतरा रहता है। यहां सेंट्रल रैलिंग की आवश्यकता है। दूसरा जोखिम मार्ग शिखर और आधार मंदिर के बीच का वह स्थान है। जहां दोनों ओर खाई है। लेकिन एक ही ओर रैलिंग है। यहां चढ़ते और उतरते समय हादसे का खतरा बना रहता है।

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