
इटारसी/ आदिवासियों ने एक पक्ष ने मंगलवार को पथरौटा थाने पहुंचकर दूसरे पक्ष पर अपने देवता को उठाकर ले जाने का आरोप लगाया है। मौके पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने पहुंचकर दोनों पक्ष को समझाइश देकर समझौता कराया कि देवता बागरा तवा के माना साकई में वापस जाएंगे। इसके बाद मामला शांत हुआ। केसला आदिवासी ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्राम माना साकई के देवता को उठाकर ले जाने का अपने तरह का अनोखा मामला है। मामले में दोनों पक्ष के आदिवासी पक्ष पथरौटा थाने पहुंचे थे। आदिवासी सेवा समिति तिलक सिंदूर के अध्यक्ष बलदेव तेकाम ने बताया दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ कि देवता अब बागरा तवा के पास बसे ग्राम नया माना साकई 2 में स्थापित होंगे। पहले यह तिलक सिंदूर के पास नया माना साकई 1 में तिलक सिंदूर के पास विराजमान थे।
ये है मामला
आदिवासी समाज के युवा संगठन के आकाश कुशराम ने बताया सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से जब माना साकई ग्राम विस्थापित हुआ था, तो वह दो हिस्सों में बंटा। कुछ परिवार बागरा तवा के पास नया माना साकई 2 में बसे और कुछ परिवार तिलक सिंदूर के पास नया माना साकई 1 में विस्थापित हुए। उस समय विस्थापित होकर आए आदिवासी समाज के लोगों ने नया माना साकई 1 के पास शिवधाम तिलक सिंदूर में देवता को स्थापित किया था। उस दौरान सहमति बनी थी कि जब तक ग्राम नए सिरे से बस नहीं जाते, उस समय तक तिलक सिंदूर में देवता रहेंगे। इसी बीच बागरा तवा के पास विस्थापित परिवारों ने आकर देवता को उनके यहां ले गए। यही से विवाद शुरू हुआ। इस पर तिलक सिंदूर के पास विस्थापित भलावी परिवार ने इस पर आपत्ति ली। अंत में यह परिवार पथरौटा थाने पहुंचा। सूचना मिलने पर मौके पर टीआई एसएस चौहान, एसडीओपी एमएस चौहान तहसीलदार राजीव कहार पहुंचे और तीन घंटे की मशक्कत के बाद दोनों पक्षों को समझाइश देकर मामला शांत कराया।
इनका कहना
गांवों के विस्थापन के समय देवता को उठाकर दूसरे आदिवासी पक्ष ले गया था। इस पर पहले पक्ष ने आपत्ति जताते हुए मंगलवार को पथरौटा थाने पहुंचे। हमने दोनों पक्षों में समझौता करा दिया। अब देवता वहीं जाएंगे, जहां पहले विराजे थे। इस पर दोनों पक्ष राजी हो गए हैं।
- एमएस चौहान, एसडीओपी, इटारसी।
Published on:
02 Feb 2023 12:44 am
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