
नर्मदापुरम. एसटीआर के चूरना रेंज के जंगलों में 2015 के बाद एक बार फिर 9 साल के टाइगर का शिकार कर उसकी गर्दन और अंग शिकारी ले गए। कुछ इसी तरह की घटना चीन में छिपे शिकारी जेई तमांग ने की थी।
जानकारी के मुताबिक 26 जून को जंगल गश्ती दल को चूरना के डबरादेव बीट में टाइगर का शव मिला था। मामले को उजागर किए बगैर एसटीआर गोपनीय तौर पर जांच कर रहा था। गुरुवार को एसटीआर के फील्ड डायरेक्टर ने बाघ की मौत का कारण बताया। बांघ के अंगों का तंत्रमंत्र और गढ़ा धन निकालने के लिए उपयोग किया जाता है। टाइगर का शिकार 2015 में चीन के शिकारी जेई तमांग के शिकार करने के तरीके से मिलता है। इससे इनकार नहीं किया जा सकता है। कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। शिकारियों को पकडऩे के लिए कई बिंदुओं पर काम किया जा रहा है।
कोर एरिया में शिकारियों की आमद से उड़ी नींद
टाइगर का शिकार चूरना के कोर एरिया में किया गया है। उससे अनुमान लगाया गया है कि बाघ का शिकार करने वाले शिकारियों की संख्या पांच से अधिक होगी। बेहद कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच कोर एरिया में शिकारी कैसे पहुंचे।
वर्जन
बाघ का शिकार कर गर्दन काटी गई है। शिकारियों की तलाश की जा रही है। इस वरदात के तार चीन में छिपे शिकारी जेई तमांग के नेटवर्क से जुड़े होने की जांच की जा रही है। अभी हमारी जांच चल रही है। जल्द ही शिकारियों को पकड़ लेंगे।
एल कृष्णमूर्ति, फील्ड डायरेक्टर, एसटीआर
Published on:
29 Jun 2023 09:53 pm
बड़ी खबरें
View Allनर्मदापुरम
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
