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350 नागरिक बने बिजली चोरी के पहरेदार, 300 मामलों में बने 108 चोरी के प्रकरण

योजना का सबसे बड़ा पहलू यह है कि इनाम की राशि कंपनी अपने बजट से नहीं देगी, बल्कि उसी क्षेत्र के जेई और एई के वेतन से कटौती कर इनाम का भुगतान किया जाएगा। इसे लेकर मैदानी इंजीनियरों में नाराजगी है, हालांकि खुलकर बोलने से बच रहे हैं। इंजीनियरों का तर्क है कि उपलब्धियों का श्रेय तो पूरे विभाग को मिलता है, लेकिन चोरी रोकने की जिम्मेदारी और दंड केवल मैदान में काम करने वाले कर्मचारियों पर डाल दिया गया है।

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नरसिंहपुर. बिजली चोरी रोकने में वर्षों से नाकाम रही बिजली कंपनी ने इस बार जनता को साथ जोडकऱ नया प्रयोग शुरू किया है। जिले में 350 नागरिक वी. मित्र एप पर पंजीकृत होकर बिजली चोरी के पहरेदार बन गए हैं। कंपनी ने इस व्यवस्था के तहत बिजली चोरी पकड़वाने वालों को नकद इनाम देने का प्रावधान रखा है। अब तक 1800 से अधिक सूचनाएं एप पर दर्ज हो चुकी हैं जिनमें से 1200 शिकायतों की जांच के दौरान 300 से ज्यादा सही पाई गईं। जिसमें से 108 शिकायतों में बिजली चोरी के 108 प्रकरण दर्ज किए गए है। इन मामलों में सूचनाकर्ताओं को 37,000 रुपए का इनाम आवंटित किया गया है। वहीं पकड़े गए मामलों में करीब 13 लाख 71000 रुपए की वसूली हुई है।
ऐसे होती है शिकायत, 7 दिन में इनाम
वी. मित्र ऐप पर शिकायतकर्ता को अपना नाम मोबाइल नंबर और उपभोक्ता अकॉउंट नंबर डालकर शिकायत करनी होती है। शिकायत सही मिलने पर 7 दिन के भीतर इनाम की राशि सीधे शिकायतकर्ता के खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है, राशि वहीं जो संबंधित जेई, एई की तनख्वाह से कटती है।
इनाम जनता को, कटेगा इंजीनियरों का वेतन
योजना का सबसे बड़ा पहलू यह है कि इनाम की राशि कंपनी अपने बजट से नहीं देगी, बल्कि उसी क्षेत्र के जेई और एई के वेतन से कटौती कर इनाम का भुगतान किया जाएगा। इसे लेकर मैदानी इंजीनियरों में नाराजगी है, हालांकि खुलकर बोलने से बच रहे हैं। इंजीनियरों का तर्क है कि उपलब्धियों का श्रेय तो पूरे विभाग को मिलता है, लेकिन चोरी रोकने की जिम्मेदारी और दंड केवल मैदान में काम करने वाले कर्मचारियों पर डाल दिया गया है।
50 हजार तक इनाम का प्रावधान
कंपनी ने 50 रुपए से लेकर 50,000 रुपए तक इनाम देने की व्यवस्था की है। एचटी बड़े उपभोक्ताओं में चोरी के केस कम आने से डीई और वरिष्ठ अधिकारियों पर कटौती का खतरा लगभग नहीं के बराबर है, जबकि जेई, एई पर सबसे ज्यादा भार पड़ रहा है। मैदान में सीधे इन्हीं की तैनाती के कारण कंपनी ने इन्हें ही जिम्मेदार माना है।

&वी मित्र एप पर लोगों ने करीब 1800 सूचनाएं साझा की है। जिनमें से 1200 की जांच में 300 शिकायतें सही पाई गई और इनमें 108 बिजली चोरी के प्रकरण दर्ज किए गए है। इस एप पर प्राप्त होने वाली सूचनाओं पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है। अब तक इसमें करीब 37000 रुपए का पुरस्कार लोगों के लिए रिवार्ड किए जा चुके है।
राहुल पटेल, विजिलेंस प्रभारी एमपीईबी

&ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली चोरी रोकने के लिए नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु यह यह प्रयोग किया गया है। इसमें नागरिकों ने भी रूचि दिखाई है। अब तक जिले में करीब 350 लोगों ने इसमें अपना पंजीयन कराया है।
अमित चौहान, एसई एमपीईबी नरसिंहपुर