
sugarcane season began in the districtनरसिंहपुर. जिले में गन्ना सीजन शुरू हुए कई दिन बीत गए हैं लेकिन अब तक प्रशासन के बार-बार निर्देशों के बाद भी शुगर रिकवरी की जांच नहीं हो सकी है। मिलों और भट्टियों पर गन्ना विक्रय करने वाले किसान मिलों और भट्टियों द्वारा तय किए गए दामों पर गन्ना बेचने लाचार है। अपने ही निर्देशों का पालन कराने के लिए प्रशासन भी गंभीर नहीं दिख रहा है। अब तक के तमाम निर्देश हवा-हवाई साबित हो रहे हैं।
जिले में हर वर्ष गन्ना सीजन के दौरान शुगर रिकवरी की जांच अनुसार किसानों को गन्ने का दाम न मिलने का मुद्दा उठता है। किसान संगठन भी आवेदन-ज्ञापन, प्रदर्शन से शुगर रिकवरी की जांच करने मांग करते हैं, प्रशासन शुगर रिकवरी की जांच करने निर्देश जारी करता है, लेकिन न तो जांच समय पर होती है और न ही यह स्पष्ट किया जाता है कि आखिर शुगर रिकवरी कितनी आती है। जिससे किसानों के सामने मिलों और भट्टी संचालकों द्वारा तय किए गए दामों पर ही गन्ने का विक्रय करने के अलावा और कोई चारा नहीं रहता। किसान देवेंद्र पाठक, विमलेश पटेल, प्रदीप पटेल, दिनेश पटेल, आकाश पटेल, बृजेंद्र पटेल, अरविंद पटेल आदि कहते हैं कि मिलों ने पहले तो दाम कम रखा था लेकिन जब किसानों ने प्रशासन के समक्ष अपनी बात रखी थी तो दाम 375 रुपए प्रति क्विंटल तय करते हुए गन्ना खरीदी की जा रही है। लेकिन प्रशासन स्तर से शुगर रिकवरी की जांच कराने जो निर्देश हुए थे उसके अनुसार जांच अब तक नहीं हो सकी है। यह जो दाम तय हैं वह मिलों की जांच के आधार पर ही हैं। वहीं जिले में जो गुड़ भट्टियां चल रहीं हैं उनमें 350 से 400 रुपए प्रति क्विंटल की दर तक गन्ना लिया जाता है। दामों में एकरूपता तभी आएगी जब प्रशासन शुगर रिकवरी की न केवल जांच कराएगा बल्कि जांच के आंकड़े स्पष्ट करेगा।
वर्जन
जिले में अभी पांच मिल ही चालू हुईं हैं, तीन बंद हैं। श्रमिकों की कमी से कार्य में तेजी नहीं आ रही है, अभी 375 रुपए प्रति क्विंटल से खरीदी हो रही है। शुगर रिकवरी की जांच जल्दी ही करा ली जाएगी।
डॉ. अभिषेक दुबे, सहायक संचालक गन्ना नरसिंहपुर
Published on:
05 Dec 2025 11:56 am
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