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जिम्मेदार निभा रहे औपचारिकता, अग्नि दुर्घटनाओं में भी कागजी खानापूर्ति कर रहे जिम्मेदार

fire accidents : शहर में आए दिन हो रहे अग्नि हादसों के बाद भी जिम्मेदार नहीं चेत रहे हैं। कोई भी अग्नि दुर्घटना होने के बाद कुछ दिनों तक वे कागजी खानापूर्ति में जुट जाते हैं और उसके बाद फिर दूसरे हादसे के इंतजार में कार्रवाई ठप्प हो जाती है।

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fire accidents : शहर में आए दिन हो रहे अग्नि हादसों के बाद भी जिम्मेदार नहीं चेत रहे हैं। कोई भी अग्नि दुर्घटना होने के बाद कुछ दिनों तक वे कागजी खानापूर्ति में जुट जाते हैं और उसके बाद फिर दूसरे हादसे के इंतजार में कार्रवाई ठप्प हो जाती है। पिछले चार दिनों में दो बड़े हादसे होने के बाद एक बार फिर नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों की पोल खुल गई है। शहर की तंग गलियों में धड़ल्ले से कारखाने, फैक्ट्रियां संचालित हो रही हैं। जबकि इन गलियों में दो पहिया वाहन बमुश्किल गुजर पाते हैं।

fire accidents : 50 प्रतिशत से ज्यादा तंग गलियां

जानकारों के मुताबिक शहर का लगभग 50 प्रतिशत तंग गलियों के बीच बसा है। खुले क्षेत्र में स्थित मकान, दुकान, गोदाम में लगी आग को बुझाने के लिए तो समय रहते फायर ब्रिगेड पहुंच जाती है, लेकिन आग तंग गलियों में लगी हो तो उसे बुझाना मुश्किल हो जाता है। क्योंकि घटनास्थल तक फायर ब्रिगेड पहुंच ही नहीं पाती है। इन तंग गलियों में अतिक्रमण के चलते दो पहिया वाहन आमने सामने से बमुश्किल ही निकल पाते हैं। इन्हीं संकरी गलियों में गोदाम, दुकान और थोक व्यापार चल रहा है। इनमें अधिकांश व्यापारियों के पास फायर सेफ्टी के कोई इंतजाम नहीं है। ऐसे में यहां कभी हादसा होता है तो बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।

fire accidents : रहवासी व पुरानी बसाहट की सबसे खराब स्थिति

साल दर साल शहर में नई कॉलोनिया बस रही हैं, बाजार भी खुल रहे हैं। जिनमें चौड़ी सडक़ें और खुला क्षेत्र होने के कारण वाहनों की आवाजाही में परेशानी नहीं होती, लेकिन पुराने शहर में स्थिति खराब है। गोहलपुर, मिलौनीगंज, चार खंभा, फूटाताल, गलगला, विद्यासागर स्ट्रीट, नरघैया, गुरंटी, निवाडग़ंज, गंजीपुरा, गढ़ा बाजार से लगे रहवासी क्षेत्रों में तो अधिकांश ऐसी गलियां हैं, जहां तीन व चार पहिया तो ठीक दोपहिया वाहन चलाना भी मुश्किल होता है। यहां फायर ब्रिगेड की पहुंच नहीं है।

fire accidents : सुरक्षा के इंतजाम नहीं

आग से सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए हैं। इसके अलावा बहोराबाग, मनमोहन नगर, बल्देवबाग, ट्रांसपोर्ट नगर, शांति नगर, यादव कॉलोनी, चेरीताल, अमेखरा, अधारताल, रद्दी चौकी और दमोहनाका में अवैध गोदामों का संचालन हो रहा है। ज्यादातर गोदामों में ज्वलनशील सामग्री एकत्र की जा रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि गोदामों में अग्नि सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं।

fire accidents : हर जोन स्तर पर हमारी टीम जांच कर रही है। यदि रहवासी क्षेत्रों में कमर्शियल यूज करते पाए जाते हैं। तो उनका गुमास्ता के साथ विक्रय लाइसेंस को निरस्त करने की कार्रवाई करेंगे। सभी दुकानदारों और कारखाना संचालकों को फायर एनओसी लेना अनिवार्य है, यदि इसके बिना कोई संचालित करता पाया जाता है तो वैधानिक कार्रवाई करने अधिकारियों को निर्देशित किया है।

  • राम प्रकाश अहिरवार, निगमायुक्त, जबलपुर