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अद्भुत हैं नर्मदा की धार में बने ये कुंड

मान्यता-सूरज कुंड में नहाने से दूर होते हैं चर्म रोग,भूत कुंड में नहाने से मिलती है प्रेत बाधा से मुक्ति

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Ajay Khare

Jan 12, 2017

amazing furrow of narmada river,namami devi narmad

sooraj kund

अजय खरे @नरसिंहपुर। बरमान के पास सतधारा में नर्मदा का अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य देखने को मिलता है। यहां नदी की सात धाराएं नजर आती हैं जो प्रकृति प्रेमियों और नर्मदा भक्तों को आनंदित करती हैं। इससे आगे कुछ ही दूरी पर बने कुंड भी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र हैं।

नजर आती हैं सात धाराएं
सतधारा से आगे और बरमान के बीच अर्जुन कुंड,भीम कुंड,सूरज कुंड और भूत कुंड सहित कुल सात कुंड बताए जाते हैं। कहा जाता है कि सतधारा में एक ही रात में पांचों पांडवों ने मां नर्मदा की धारा को बांधने का प्रयास किया था पर वे असफल रहे थे। यहां गौर से देखने पर लोगों को सात धाराएं नजर आती हैं। यहीं थोड़ी-थोड़ी दूरी पर अर्जुन कुंड,भीम कुंड,सूरज कुंड आदि स्थित हैं जो नर्मदा में प्राकृतिक रूप से बने हुए हैं।

इनमें नहाने की है विशेष मान्यता
भूत कुंड के बारे में ऐसी मान्यता है कि प्रेत बाधा और मानसिक रूप से परेशान व्यक्ति यहां स्नान करने पर ठीक हो जाते हैं। नजदीक ही स्थित सूरज कुंड की भी विशिष्ट मान्यता है। इस कुंड के जल में नहाने से लोग चर्म रोगों से मुक्ति पाते हैं। जिसकी वजह से लोग इसमें स्नान करने आते हैं। मकर संक्रांति पर यहां बड़ा मेला लगता है। जिसमें बड़ी संख्या में लोग अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। ऐसा कहा जाता है कि सूरज कुंड में स्नान कर यहां के जल से बरमान के स्वर्ण पर्वत (टापू )पर स्थित ब्रह्माजी की तपस्थली दीपेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव का अभिषेक करने से मनोकामना पूरी होती है।

भक्ति से भरा है ये क्षेत्र
सतधारा से लेकर बरमान तक का क्षेत्र नर्मदा का विशेष महत्व वाला क्षेत्र माना जाता है। यह भक्ति और शक्ति का क्षेत्र माना जाता है। सतधारा के आसपास तटों पर प्रमुख साधु संतों के आश्रम और देव मंदिर बने हुए हैं जबकि बरमान ब्रह्मा की तपस्या के कारण तपोभूमि और सिद्ध क्षेत्र माना जाता है। बरमान में हर साल मकर संक्रांति पर बड़ा मेला लगता है जिसमें करीब 2 लाख लोग शामिल होते हैं।

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