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यहां हवाई जहाज में पढ़ाई करते हैं बच्चे

131 साल पहले हवाई जहाज के आकार में बनाया गया था ब्रांच स्कूल, अंग्रेजों के समय का यह स्कूल अब हो रहा है जर्जर, 

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Ajay Khare

Jan 03, 2017

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अजय खरे@ नरसिंहपुर। कोई माने या न माने पर यह है सच। यहां गरीब वर्ग के करीब 150 बच्चे हवाई जहाज में बैठकर पढ़ाई करते हैं। हम बात कर रहे हैं अंग्रेजों के शासन काल में 1885 में निर्मित शासकीय ब्रांच स्कूल की जो शिक्षा विभाग की एक ऐतिहासिक धरोहर है। जिसका निर्माण हवाई जहाज के आकार में किया गया था जिसका प्रवेश द्वार जहाज के अग्र भाग का बोध कराता है तो दोनों ओर के कक्ष डैनों का। स्कूल में आज भी कक्षाएं संचालित हो रही हैं।इस स्कूल के बच्चों से बात करने पर जवाब मिलता है कि वे हवाई जहाज में पढ़ते हैं।


ब्रांच स्कूल के नाम से है पहचान
131 साल केे इतिहास को समेटे यह स्कूल शासकीय ब्रांच प्राथमिक शाला कंदेली के नाम से जाना जाता है। फिलहाल इसमें गरीब वर्ग के करीब 150 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हंै जिन्हें पढ़ाने के लिए 6 महिला शिक्षक पदस्थ हैं। इस स्कूल से पढ़कर निकले कई होनहार विद्यार्थी आज चिकित्सा,प्रशासन,राजनीति और समाजसेवा में अपना योगदान दे रहे हैं।

जर्जर हो रहा भवन
रखरखाव के अभाव में यह बुजुर्ग शिक्षा सदन कमजोर हो चला है।10 कक्ष और दहलान वाले इस स्कूल की खपरैल चादर को मरम्मत की जरूरत है। सौ साल से भी ज्यादा पुराना लकड़ी का ढांचा समय और मौसम की मार से टूटने लगा है। खपरैल को सहारा देने के लिए लगाई गर्इं बल्लियां खराब हो चुकी हैं। कई स्थानों पर कवेलू टूट चुके हैं और दीवारों का पलस्तर भी साथ छोड़ चुका है। कुछ साल पहले यहां की एक बल्ली टूट कर गिर गई थी पर कोई हादसा नहीं हुआ था।

नए भवन में छात्रावास
स्कूल की हालत को देखते हुए बच्चों के बैठने के लिए नया भवन बनाया गया था। दो साल पहले नए भवन में कक्षाएं शिफ्ट कर दी गई थीं। बाद में नए भवन मेंं छात्रावास खोल दिया गया। जिसके बाद स्कूल पुन: पुरानी इमारत में संचालित होने लगा।

यह स्कूल शिक्षा जगत की ऐतिहासिक धरोहर है,सौ साल से भी ज्यादा पुराने स्कूल में अभी भी कक्षाएं संचालित हो रही हैं। इसमें ज्यादातर गरीब वर्ग के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इसका निर्माण हवाई जहाज के आकार में किया गया था।
दयावती तिरकाम,हेड मास्टर

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