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नर्मदा तटों की स्वच्छता और पवित्रता सर्वोच्च प्राथमिकता

नर्मदा तटों की स्वच्छता और पवित्रता सर्वोच्च प्राथमिकता अपर कलेक्टर का 4.35 घंटे का नर्मदा घाट निरीक्षण, व्यवस्थाओं में सुधार के लिए बैठक

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meeting to improve arrangements.

meeting to improve arrangements.

Cleanliness and purity of the Narmada

अपर कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ गजेन्द्र नागेश ने रविवार को लगभग साढ़े चार घंटे मां नर्मदा के खारी घाट, ब्रह्मांड घाट और अन्य स्थलों का विस्तृत निरीक्षण किया। उन्होंने व्यापारियों, दुकानदारों, अस्थि विसर्जन से जुड़े कर्मियों तथा नौकायन और सैलून से जुड़े लोगों के साथ बैठक कर घाट पर स्थायी व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। अपर कलेक्टर नागेश ने कहा कि मां नर्मदा के घाटों की पवित्रता और स्वच्छता सर्वोच्च प्राथमिकता है तथा सभी के सहयोग से बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।बैठक में सर्वसम्मति से तय हुआ कि घाट किनारे सभी दुकानदारों की सूची तैयार कर उन्हें निश्चित स्थान पर व्यवस्थित रूप से दुकानें आवंटित की जाएंगी। सफ ाई व्यवस्था के लिए प्रत्येक दुकानदार से सेवा शुल्क लिया जाएगा। निर्णय लिया गया कि मुख्य मार्गों और घाट आने.जाने वाले रास्तों पर कोई दुकान नहीं लगेगी ताकि यात्रियों के लिए पर्याप्त जगह बनी रहे और भीड़भाड़ न हो। अपर कलेक्टर ने सभी व्यापारियों को दुकान पर डस्टबिन रखना अनिवार्य किया। दुकान के आसपास की गंदगी डस्टबिन में डालने और सामूहिक रूप से उसका निष्पादन करने की व्यवस्था बनाई जाएगी।


खारी घाट की गंदगी रोकने के लिए नई पहल


अस्थि विसर्जन आदि के दौरान लाई जाने वाली लकड़ी, कपड़े, जूते.चप्पल और अन्य सामग्री घाट तक न पहुंचे। इसके लिए प्रवेश स्थल पर ही रोकने की व्यवस्था बनाने पर सहमति बनी। इसके लिए बोर्ड लगाने और अलग से कुंड बनाने की तैयारी की जा रही है।ब्रह्मांड घाट क्षेत्र में खाली जगह को साफ कर भर्त बाटी के लिए गोलाकार पक्के प्लेटफ ॉर्म बनाए जाएंगे। अन्य स्थानों पर भी ऐसी ही व्यवस्था की जाएगी। दोनों ग्राम पंचायत क्षेत्रों रेत घाट और पक्के घाट में अलग.अलग समितियां गठित की जाएंगी। इनमें व्यापारी, ब्राह्मण, नौकायान संचालक, सैलून कर्मी और स्थानीय जागरूक नागरिक शामिल रहेंगे। ये समितियां घाट के विकास और सफ ाई की रूपरेखा तैयार करेंगी।

भर्त बाटी के लिए बनेंगें प्लेटफार्म


अस्थि विसर्जन आदि के दौरान लाई जाने वाली लकड़ी, कपड़े, जूते.चप्पल और अन्य सामग्री घाट तक न पहुंचे। इसके लिए प्रवेश स्थल पर ही रोकने की व्यवस्था बनाने पर सहमति बनी। इसके लिए बोर्ड लगाने और अलग से कुंड बनाने की तैयारी की जा रही है।ब्रह्मांड घाट क्षेत्र में खाली जगह को साफ कर भर्त बाटी के लिए गोलाकार पक्के प्लेटफ ॉर्म बनाए जाएंगे। अन्य स्थानों पर भी ऐसी ही व्यवस्था की जाएगी। दोनों ग्राम पंचायत क्षेत्रों रेत घाट और पक्के घाट में अलग.अलग समितियां गठित की जाएंगी। इनमें व्यापारी, ब्राह्मण, नौकायान संचालक, सैलून कर्मी और स्थानीय जागरूक नागरिक शामिल रहेंगे। ये समितियां घाट के विकास और सफ ाई की रूपरेखा तैयार करेंगी।

भर्त बाटी के लिए बनेंगें प्लेटफार्म
अस्थि विसर्जन आदि के दौरान लाई जाने वाली लकड़ी, कपड़े, जूते.चप्पल और अन्य सामग्री घाट तक न पहुंचे। इसके लिए प्रवेश स्थल पर ही रोकने की व्यवस्था बनाने पर सहमति बनी। इसके लिए बोर्ड लगाने और अलग से कुंड बनाने की तैयारी की जा रही है।ब्रह्मांड घाट क्षेत्र में खाली जगह को साफ कर भर्त बाटी के लिए गोलाकार पक्के प्लेटफ ॉर्म बनाए जाएंगे। अन्य स्थानों पर भी ऐसी ही व्यवस्था की जाएगी। दोनों ग्राम पंचायत क्षेत्रों रेत घाट और पक्के घाट में अलग.अलग समितियां गठित की जाएंगी। इनमें व्यापारी, ब्राह्मण, नौकायान संचालक, सैलून कर्मी और स्थानीय जागरूक नागरिक शामिल रहेंगे। ये समितियां घाट के विकास और सफ ाई की रूपरेखा तैयार करेंगी।