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बोहानी के कृषि विद्यालय की स्थापना के लिए दान की थी 256 एकड़ भूमि

locationनरसिंहपुरPublished: Jun 13, 2021 11:30:15 pm

Submitted by:

ajay khare

विरासत-उस समय यह मध्य प्रान्त का सबसे बड़ा दान था जिसे ग्रहण करने के लिए मध्य प्रान्त के मुख्यमंत्री पं.रविशंकर शुक्ल स्वयं बोहानी आए थे

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bohani

नरसिंहपुर. जिले के ग्राम बोहानी में स्थित कृषि विद्यालय की स्थापना के लिए यहां के पूर्व मालगुजार चौधरी राघव सिंह ने वर्ष १९५४ में 256 एकड़ कृषि भूमि, बाखर और 16 जोड़ी हल बखर सहित किसानी के उपकरण दान किए थे। उस समय यह मध्य प्रान्त का सबसे बड़ा दान था जिसे ग्रहण करने के लिए मध्य प्रान्त के मुख्यमंत्री पं.रविशंकर शुक्ल स्वयं बोहानी आए थे। शुक्ल ने उनका सम्मान करते हुए उन्हें अपने से ऊंचे आसन पर बैठाया था और फिर उनके सामने खड़े होकर उनसे दान ग्रहण किया था। यह दान करने के लिए उन्हें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चौधरी शंकरलाल दुबे ने प्रेरित किया था । गौरतलब है कि जिला अस्पताल का नामकरण चौधरी शंकरलाल दुबे चिकित्सालय रखा गया है। भारतीय डाक विभाग मध्यप्रदेश परिमंडल ने 2 अक्टूबर २०१९ को बापू के अनुयायी स्वतंत्रता सेनानी चौधरी शंकरलाल दुबे के सम्मान में विशेष आवरण जारी किया था। सन 1892 में ग्राम करताज, जिला नरसिंहपुर में जन्मे चौधरी शंंकरलाल दुबे ने बीए, एलएलबी करके सन 1917 में वकालत आरंभ की। सन 1920-21 में गांधी की अपील पर वकालत छोड़ असहयोग आंदोलन में शामिल हुए। 1923 में जबलपुर में राष्ट्रीय ध्वज के अपमान पर झण्डा सत्याग्रह में जेल गए इस बीच सदमे से पत्नी की मृत्यु हो गई। जेलर ने पेरोल पर जाकर अंतिम संस्कार करने को कहा, परंतु चौधरी शंकरलाल दुबे ने माफी मांगने से इन्कार कर दिया। उन्हें 21 महीने की कारावास की सजा हुई। अगस्त 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में नरसिंहपुर जिले से गिरफ्तार होने वाले पहले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चौधरी शंकरलाल दुबे थे। उन्हें मध्यप्रदेश के प्रमुख नेताओं के साथ तमिलनाडु की बेलोर जेल में रखा गया था।
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