
Farmer kept jaggery in the open
करेली। स्थानीय कृषि उपज मंडी में सीजन के दौरान लगने वाली गुड़ मंडी के रूप में प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में प्रसिद्ध है। करेली मंडी का गुड़ अपनी विशेषता के कारण देश के लगभग सभी राज्यों में नाम से बिकता है। इसी गुड़ मंडी में जिले के दूरस्थ ग्रामीण अंचलों सहित आसपास के विभिन्न गाँवों से गुड़ लेकर आए किसानों को बिक्री हेतु गुड़ रखने के लिए मंडी शेड में जगह पाने में भारी मशक्कत करनी पड़ती है।
उल्लेखनीय शेड के अंदर स्थान ना मिलने के अभाव में किसानों को शेड के बाहर ही गुड़ रख कर बेचना पड़ता है। वहीं शेड के अंदर स्थान पाने के चक्कर में विभिन्न गांव से गुड़ लाने वाले किसान गुड़ बाजार के दो दिन पूर्व से ही गुड़ लाने की शुरुआत कर देते हैं। बाजार के दिन तक मंडी में ही रुक कर गुड़ की रखवाली करते हैं। इनको शेड में स्थान ना मिलने पर कड़कड़ाती ठंड में बाहर खुले आसमान के नीचे रातें गुजारनी पड़ती हैं।
करेली मंडी में कुल 6 शेड हैं जिनमें से 2, 3 व 4 नंबर के तीन शेडों में बिक्री हेतु गुड़ रखा जाता है। वहीं शेष तीन शेडों में अन्य जिन्सों की बिक्री का कार्य चलता है। अभी गुड़ की आवक भी अच्छी हो रही है। शुक्रवार को करीब 60 गाड़ी गुड़ की आवक रही। भाव 2000 रुपये से लेकर 2651 रुपये तक रहे। करेली में मंडी विभिन्न ग्रामों से गुड़ लेकर आए किसान जितेंद्र ममार पिपरिया, सतीश ममार पिपरिया, श्रीकांत कौरव बघोरा, नीरज पटैल खैरी, खेमराज चौहान मोहद, प्रशांत कौरव निजोर, प्रमोद कौरव नारगी, उमाकांत कौरव बीतली, प्रशांत रघुवंशी करेली, अर्जुन राजपूत आदि का कहना है कि व्यापारियों द्वारा माल खरीदने के बाद 5-6 दिन तक शेडों के अंदर से नहीं उठवाया जाता है, जिसके कारण यह समस्या उत्पन्न होती है। किसानों के अनुसार शुक्रवार के गुड़ बाजार के लिए बुधवार की सुबह से ही किसानों द्वारा माल लाने की शुरूआत हो जाती है परंतु सोमवार के बाजार का खरीदा हुआ माल अनेक व्यापारियों द्वारा 5 दिन तक एवं कुछ व्यापारियों द्वारा तो सोमवार तक भी शेड से नहीं उठाया जाता है, कमोवेश यही स्थिति प्रत्येक बाजार के दिन बनती है जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है।
वहीं जब इस संबंध में गुड़ व्यापारियों से बात की गई तो गुड़ व्यापारियों का कहना है कि ट्रांसपोर्टिंग की समस्या के कारण समय पर गाड़ी नहीं मिल पाती हैं जिसके कारण मजबूरन गाड़ी उपलब्ध होने तक खरीदा हुआ मंडी में रखा रहता है। अनेक बार गाड़ी की क्षमता से अधिक माल होने के कारण बचा हुआ माल कुछ समय के लिए मंडी में छोडऩा पड़ता है। इस समस्या के संबंध में क्षेत्र के किसानों की मंडी प्रशासन से मांग है कि किसानों को हो रही परेशानी को देखते हुये व्यापारियों का खरीदा हुआ गुड़ निर्धारित समयावधि में शेड से उठे ऐंसी व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए।
इनका कहना है
व्यापारियों द्वारा खरीदा हुआ माल समय पर नहीं उठाने के सम्बन्ध में मंडी प्रशासन द्वारा व्यापारियों को शीघ्रता से माल उठाने की हिदायत दी जा रही है। जिन व्यापारियों द्वारा माल खरीदने के बाद जल्द नहीं उठवाया जाएगा, तो उन पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
रजनी वर्मा सचिव, कृषि उपज मंडी करेली
Published on:
07 Dec 2018 11:59 pm
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