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चना और मसूर की गिरदावरी पिछड़ी, अब पंजीयन कराने में हो रही दिक्कत

किसानों से चना, मसूर की फसल समर्थन मूल्य पर खरीदने शासन ने पंजीयन अनिवार्य किया है, लेकिन गिरदावरी का कार्य पिछडऩे से किसान चाहकर भी पंजीयन नहीं करा पा रहे हैं। जब वह पंजीयन केंद्रों पर पहुंचते है तो पता चलता है कि उनके रकबे की तो गिरदावरी ही नहीं दिख रही है। वहीं जिन किसानों की गिरदावरी दिख रही है उनके पंजीयन में सर्वर की कमजोर गति निराश कर रही है।

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नरसिंहपुर. जिले में प्रमुख दलहनी फसल चना एवं मसूर की गिरदावरी में राजस्व विभाग द्वारा की जा रही देरी किसानों की परेशानी बढ़ा रही है। वहीं सर्वर भी गति नहीं पकड़ रहा है जिससे किसानों को पंजीयन कराना मुश्किल हो रहा है। कई किसान पंजीयन केंद्रों से लौटने लाचार हैं। जिले में अब तक करीब 25776 हेक्टेयर रकबे के चना और करीब 5908 हेक्टेयर मसूर की गिरदावरी नहीं हो सकी है। कार्य पिछडऩे की वजह स्पष्ट करने में जिम्मेदार विभाग के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। पंजीयन में बाधा बनी समस्याओं को देखते हुए कृषि विभाग की मांग पर शासन ने अब पंजीयन की तिथि बढ़ाकर 17 मार्च कर दी है। जिससे पंजीकृत किसानों की संख्या कम से कम बीते वर्ष के आंकड़ों तक पहुंच सके।
किसानों से चना, मसूर की फसल समर्थन मूल्य पर खरीदने शासन ने पंजीयन अनिवार्य किया है, लेकिन गिरदावरी का कार्य पिछडऩे से किसान चाहकर भी पंजीयन नहीं करा पा रहे हैं। जब वह पंजीयन केंद्रों पर पहुंचते है तो पता चलता है कि उनके रकबे की तो गिरदावरी ही नहीं दिख रही है। वहीं जिन किसानों की गिरदावरी दिख रही है उनके पंजीयन में सर्वर की कमजोर गति निराश कर रही है।
दो तहसीलों में कार्य अधिक प्रभावित: बताया जाता है कि जिले में बीते वर्ष चना के 8431 व मसूर के 5360 पंजीयन हुए थे, लेकिन इस बार पंजीयन की स्थिति काफी ङ्क्षचताजनक है। नरसिंहपुर और साइखेड़ा तहसील में तो पंजीयनों की संख्या हजार भी नहीं हो सकी है। इसकी वजह इन तहसीलों में गिरदावरी पिछडऩे को माना जा रहा है। बीते वर्ष की तुलना में इस बार अब तक चना के 5986 एवं मसूर के 4669 पंजीयन ही हो सके हैं। इस तरह बीते वर्ष की पंजीयन संख्या तक पहुंचने के लिए ही विभाग को करीब 3136 किसानों के पंजीयन करना है, जबकि मैदानी स्थिति यह है कि इस बार दोनों फसलें अच्छी आने से बड़ी तादाद में किसान पंजीयन कराने के लिए हरसंभव जतन कर रहे हैं। वहीं कृषि विभाग ने भी पंजीयन के बाद होने वाले रकबे के सत्यापन के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी है।
त्योहार होने से पड़ेगा असर: पंजीयन तिथि बढऩे से किसानों को कितनी राहत मिलेगी और पंजीयन कितने बढ़ेगे इस पर होली के त्योहार की वजह से संशय बना है, क्योंकि त्योहार के दौरान अवकाश के दिनों में किसानों का पंजीयन केंद्रों तक न तो पहुंचना होगा और न ही पोर्टल खुलने की संभावना रहेगी। ऐसे में दोनों प्रमुख ङ्क्षजसो के पंजीयनो में वृद्धि घट सकती है।

&गिरदावरी का कार्य राजस्व अमले को करना है, अब इसमें देरी की वजह तो क्या ही बताएं, इतना जरूर है कि 15 मार्च तक कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
गिरीश धुलेकर, अधीक्षक भू अभिलेख नरसिंहपुर

&गिरदावरी व सर्वर की जो समस्या के कारण पंजीयन कम हुए इस संबंध में शासन को पत्र लिखा था। जिस पर ही शासन ने पंजीयन तिथि बढ़ाकर 17 मार्च की है।
उमेश कटहरे
उपसंचालक कृषि नरसिंहपुर