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नरसिंहपुर में हादसे में घायल पत्नी को जिला अस्पताल लाने पौन घंटे बाद मिली एंबुलेंस, रोता रहा पति

जिले में लंबे समय से 108 एंबुलेंस सेवा का संचालन मनमाने ढंग से चल रहा है। जब कभी कोई मामला उजागर होता है तो जिम्मेदार सेवाओं में सुधार के दावे करते हैं लेकिन कोई सुधार नहीं होता। करेली अस्पताल में गुरुवार की शाम एक पति बेड पर दर्द से तडफ़ती पत्नी को रेफर होने पर जिला अस्पताल नरसिंहपुर लाने एंबुलेंस न मिलने पर रोने लगा।

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करेली अस्पताल में गुरुवार की शाम एक पति बेड पर दर्द से तडफ़ती पत्नी को रेफर होने पर जिला अस्पताल नरसिंहपुर लाने एंबुलेंस न मिलने पर रोने लगा। पति हाथ जोड़े रोते हुए एंबुलेंस दिलाने लोगों से गुहार लगाता रहा ताकि उसकी पत्नी को समय पर इलाज मिल सके।

एंबुलेंस न मिलने से रोते हुए पति

The 108 ambulance service नरसिंहपुर. जिले में लंबे समय से 108 एंबुलेंस सेवा का संचालन मनमाने ढंग से चल रहा है। जब कभी कोई मामला उजागर होता है तो जिम्मेदार सेवाओं में सुधार के दावे करते हैं लेकिन कोई सुधार नहीं होता। करेली अस्पताल में गुरुवार की शाम एक पति बेड पर दर्द से तडफ़ती पत्नी को रेफर होने पर जिला अस्पताल नरसिंहपुर लाने एंबुलेंस न मिलने पर रोने लगा। पति हाथ जोड़े रोते हुए एंबुलेंस दिलाने लोगों से गुहार लगाता रहा ताकि उसकी पत्नी को समय पर इलाज मिल सके।

करीब पौन घंटे तक एंबुलेंस नहीं आई
मामला यह है कि ग्राम भैंरोपुर निवासी संतराम कौरव की पत्नी विनीता कौरव 35 वर्ष को किसी बाइक ने टक्कर मारकर घायल कर दिया। जिसे परिजनों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करेली में भर्ती कराया। यहां प्राथमिक इलाज के बाद महिला को नरसिंहपुर रेफर किया गया। इसके बाद पति ने 108 एंबुलेंस बुलाने कॉल किया, डॉक्टर भी मौजूद रहे। लेकिन करीब पौन घंटे तक एंबुलेंस नहीं आई। बेड पर पत्नी को तडफ़ते देख पति संतराम का सब्र भी जबाब देने लगा और वह रोते हुए अपनी पीड़ा सुनाता रहा। काफी देर बाद जब एंबुलेंस आई तो मरीज को नरसिंहपुर रवाना किया गया। इस घटना ने एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की आपात सेवाओं और एंबुलेंस व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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एंबुलेंस बुलाने कॉल तो किया गया था लेकिन वह देर से आई। हमारे पास ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है कि मदद कर पाते। करीब पौन घंटे बाद एंबुलेंस आने पर मरीज को जिला अस्पताल रेफर कराया गया।
डॉ. आदित्य नेमा, प्रभारी सीबीएमओ करेली