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गाडरवारा। शारदेय नवरात्रि के चलते सभी देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। पंचमी से भक्तों की आस्था चरम पर आने लगती है। मंदिरों में अनेक प्रकार के आयोजनों में तेजी आने लगती है। नगर में देवी के अनेक प्राचीन मंदिर एवं स्थान मौजूद हैं, इसके बावजूद भी कुछ साल पहले चीचली रोड इमलिया गांव के मोड़ के पास बना कांच मंदिर का अपना एक अलग ही महत्व है। डमरूघाटी के अलावा दर्शनीय धार्मिक भ्रमण स्थलों में से एक कांच मंदिर भी है। यहां नगर का इकलौता दूल्हादेव का मंदिर भी है। जिसके बाजू में बने भव्य कांच के महलनुमा मंदिर में मातारानी विजयासन अपने सौम्य रूप में विराजमान हैं। इस मंदिर का निर्माण 21 साल पहले चैत्र नवरात्रि वर्ष 1997 में चौकसे परिवार द्वारा अपने पिता कंछेदीलाल चौकसे की स्मृति में कराया गया है। मंदिर के प्रमुख एवं देवी के चरणसेवक मदन चौकसे ने बताया कि उन्हे सपने में देवी आकर कहतीं थीं हमें बैठने को स्थान दो। इसके बाद देवी की ऐसी कृपा हुई कि हमने यह जमीन खरीदी। जिसके बाद कुलदेवी की स्थापना की फिर कांच मंदिर बनाया गया। जहां जयपुर से लाकर प्रतिमा स्थापना की गई। इस मंदिर के बनने में तीन साल लगे, मंदिर हमारे परिवार द्वारा बनाया गया है। यहां प्रतिवर्ष चैत्र नवरात्रि में जवारे रखे जाते हैं। शारदेय नवरात्रि में भी आयोजन होते रहते हैं। मंदिर के बारे में मान्यता है कि जिनके बच्चे नहीं होते मां उनकी गोद भर देती हैं। जो दु:खी पीडि़त है मां की अनुकंपा से उनके भी संकट कटते हैं। ज्ञात रहे कि मंदिर एक खतरनाक मोड़ पर बना हुआ है। जहां दिन रात तेज गति के बेलगाम भारी वाहन दौड़ते रहते हैं। लेकिन मां की कृपा से यहां कभी जानलेवा हादसा नहीं हुआ। वर्तमान में यहां प्रात:काल से लेकर देर रात तक श्रद्धालु मां के दर्शनार्थ आ रहे हैं।
Published on:
14 Oct 2018 06:16 pm
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