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Independence Day 2025: डेलन शाह-नरवर शाह ने हिला दी थी अंग्रेजों की नींव

Independence Day 2025: 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में नरसिंहपुर की धरती पर ऐसे दो वीर योद्धा पैदा हुए जिन्होंने साहस और पराक्रम से ब्रिटिश शासन की जड़ें हिला दीं। शहीद राजा डेलन शाह और राजा नरवर शाह।

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Independence Day 2025

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Independence Day 2025: 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में नरसिंहपुर की धरती पर ऐसे दो वीर योद्धा पैदा हुए जिन्होंने साहस और पराक्रम से ब्रिटिश शासन की जड़ें हिला दीं। शहीद राजा डेलन शाह और राजा नरवर शाह। तेंदूखेड़ा तहसील के ग्राम ढिलवार और मदनपुर में स्थित उनके प्राचीन किले आज भी आजादी की उस लड़ाई के साक्षी हैं। उनकी शौर्य गाथा से जुड़े दस्तावेजों के अनुसार 13 अगस्त 1802 को जन्में डेलन शाह, गौंड राजा विश्राम शाह और रानी हीराकुंवर शाह के पुत्र थे। वे रामगढ़ रियासत के उत्तराधिकारी बने, जिसमें लगभग 200 गांव शामिल थे। रियासत का मुयालय पहले देवरी, बाद में मदनपुर रहा।

बलिदान और विरासत

अंग्रेजों ने विद्रोह को दबाने 1858 में डेलन शाह को पकड़ लिया। 16 मई 1858 को उन्हें सार्वजनिक रूप से फांसी दी गई। इससे विद्रोह की आग और तेज हो गई। नरवर शाह की रहली जेल में मृत्यु हो गई। आज भी जिले के बुजुर्ग उनकी वीरता के किस्से सुनाते हैं। उनकी छठी पीढ़ी के वंशज रामकुमार ठाकुर बताते हैं कि जिस किले में बरगद के पेड़ पर उन्हें फांसी दी गई थी, वह किला आज भी मौजूद है।

किसानों और आदिवासियों को संगठित किया

डेलन शाह के संघर्ष की शुरुआत 1842-43 के बुंदेला विद्रोह से हुई। उन्होंने तेंदूखेड़ा, सुआतला-महाराजपुर की अंग्रेजी चौकियों पर कब्जा कर अपना ध्वज फहराया। किसानों व आदिवासी योद्धाओं को एकजुट किया। इस आंदोलन के लिए डेलन शाह अपने मित्र नरवर शाह को मदनपुर लेकर आए थे।