17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मक्का की बंपर आवक से मंडी हुई फुल, एक दिन बंद रहेगी खरीदी, आज देंगे टोकन

एक ओर सरकारी मंडी में खरीदी की अनिवार्यता खत्म करने को लेकर देश भर में कृषि कानूनों का विरोध हो रहा है तो दूसरी ओर यहां हालत यह है कि यहां बड़ी मात्रा में मक्का की आवक से मंडी फुल हो गई है और अब जगह न होने से प्रशासन को एक दिन के लिए मंडी बंद करनी पड़ी है।

2 min read
Google source verification
3001nsp3.jpg

narsinghpur

नरसिंहपुर. एक ओर सरकारी मंडी में खरीदी की अनिवार्यता खत्म करने को लेकर देश भर में कृषि कानूनों का विरोध हो रहा है तो दूसरी ओर यहां हालत यह है कि यहां बड़ी मात्रा में मक्का की आवक से मंडी फुल हो गई है और अब जगह न होने से प्रशासन को एक दिन के लिए मंडी बंद करनी पड़ी है।
जिले की कृषि उपज मंडियों में करीब १५ दिन से मक्के की खरीदी चल रही है। बड़ी संख्या में किसान लगातार मक्का बेचने के लिए मंडी में पहुंच रहे हैं। जिसकी वजह से एक ओर जहां मंडी में रौनक आ गई है तो दूसरी ओर मक्के का अंबार लगता जा रहा है। शुक्रवार को सैकड़ों किसान अपना मक्का लेकर मंडी पहुंच गए। करीब २३ हजार क्विंटल मक्का कृषि उपज मंडी नरसिंहपुर में पहुंच गया। हालात यह बन गए कि मंडी के गेट से लेकर अंदर शेड तक फुल हो गए। मंडी के अंदर और मक्का रखने के लिए जगह नहीं बची। इन हालातों में प्रशासन को व्यवस्थाएं बनाने के लिए यह निर्णय लेना पड़ा कि जितना मक्का मंडी में आ गया है पहले उसकी बोली और बिक्री सुनिश्चत की जाए जिसके बाद ही आगे अन्य किसानों से खरीदी की जाए। प्रशासन ने तय किया कि ३० अक्टूबर को खरीदी न की जाए।
प्रशासन ने की यह व्यवस्था
३० अक्टूबर को मंडी बंद रखने को लेकर प्रशासन ने यह व्यवस्था की है कि जो भी किसान ३० अ
क्टूबर को मंडी आएंगे उन्हें टोकन दिए जाएंगे। मंडी के भारसाधक अधिकारी आरएस गुमाश्ता ने बताया है कि कुल ३०० किसानों को टोकन दिए जाएंगे। अगले दिन ३१ अक्टूबर को किसान अपने टोकन के साथ अपनी फसल लेकर मंडी आएंगे और उनकी उपज खरीदी जाएगी। केवल टोकन धारक किसानों की ही उपज खरीदी जाएगी।
पिछले साल से इस बार ठीक मिल रहे दाम
पिछले साल की तुलना में इस वर्ष मक्का के दाम ठीक मिल रहे हैं। गत वर्ष किसानों ने १०००-१२०० रुपए प्रति क्विंटल के भाव से मक्का बेचा था जबकि इस वर्ष १४०० से लेकर १५५० तक के दाम मिले हैं। हालांकि अच्छे दाम तभी कहे जा सकते हैं जब किसानों को १७००-१८०० रुपए प्रति क्विंटल के दाम मिलें।
३२ हजार हेक्टेयर में लगाया गया मक्का
इस वर्ष जिले में करीब ३२ हजार ५०० हेक्टेयर में मक्का लगाया गया था। नरसिंहपुर, करेली और गोटेगांव क्षेत्र में किसानों ने मक्का की फसल ली है। प्रति हेक्टेयर औसत ५० क्विंटल मक्का पैदा होता है। इस हिसाब से इस बार जिले में करीब १६ लाख क्विंटल मक्का का उत्पादन हुआ है।
पशु चारा के रूप में होता है उपयोग
मक्के का उपयोग मुख्य रूप से एनीमल फीड यानी पशु चारा के रूप में किया जाता है। मानव उपभोग काफी कम यानी महज १ फीसदी ही है। मक्का आसानी से नहीं पचता अत: मक्के की कुछ देसी प्रजातियों का उपयोग बहुत कम मात्रा में लोगों द्वारा खाने के लिए किया जाता है। कुछ प्रजातियों से कॉर्न फ्लैक्स तैयार किया जाता है।