तेंदूखेड़ा व गाडरवारा में उम्मीदवार का इंतजार, फिलहाल अपनों को मनाने में जुटा है संगठन
नरसिंहपुर। जिले की तेंदूखेड़ा में भाजपा तो गाडरवारा में कांग्रेस का प्रत्याशी तय नहीं हो पाया है। गाडरवारा में कांग्रेस का अभी कब्जा है, कार्यकर्ता उम्मीदवार के इंतजार में हैं। जिसकी घोषणा होते ही सियासी उथल पुथल बढऩा तय है। दोनों दलों में असंतुष्टों को मनाने और अपने-अपने पाले में करने के लिए गोपनीय तरीके से हरसंभव जतन हो रहे है। रूठे अपनों को मनाने में संगठन ताकत लगा रहा है।
उन नेताओं से भी बड़े नेता संपर्क में है जो या तो कई वर्षो से हाशिए है या फिर इस चुनाव में उनकी महत्वकाक्षांओं को पूरा नहीं किया जा सका है। तेंदूखेड़ा विधानसभा में भाजपा से टिकट के दावदारों की फेहरिस्त बड़ी है। यहां एक अनार सौ बीमार वाली कहावत बनी है। हर कोई अपनी दावेदारी को मजबूत बताने में लगा है और अपने राजनीतिक आकाओं से भी जुगत भिड़ा रहा है। तेंदूखेड़ा में भाजपा को प्रत्याशी चयन में इसलिए भी देरी हो रही है कि यहां कांग्रेस के संजय शर्मा का खासा प्रभाव है और यह सीट कांग्रेस के कब्जे में है। संजय के भाजपा में जाने के बाद से ही यहां भाजपा की वापसी नहीं हो सकी है।
दोनों दलों के लिए नहीं आसान
माना जा रहा है कि तेंदूखेड़ा विधानसभा में भाजपा से प्रत्याशी तय होने के बाद सियासी उथलपुथल बढ़ सकती है। गाडरवारा में भी कांग्रेस किसे प्रत्याशी बनाती है इस पर न केवल कांग्रेस कार्यकर्ताओं बल्कि भाजपा की भी नजर है। भाजपा को गौतम के जाने से जो झटका लगा है उसकी भरपाई के लिए पार्टी नेता सक्रिय हो गए हैं।
नरसिंहपुर विधानसभा में भाजपा-कांग्रेस की जोर आजमाइश बढ़ रही है लेकिन कांग्रेस संगठनात्मक रूप से मैदान में सक्रिय नहीं दिख रहा है, प्रत्याशी के साथ चंद लोग नजर आ रहे हैं। गोटेगांव में जरूर दोनों दलों की सक्रियता यहां मुकाबले की रोचकता को बढ़ा रही है।