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5 करोड़ के विकास कार्याे से आस्था और विरासत को मिलेगा नया आयाम

नर्मदा तट पर आस्था का पुनर्जागरण: संवरने जा रहा है 500 वर्ष पुराना मोटे महादेव धाम 5 करोड़ के विकास कार्याे से आस्था और विरासत को मिलेगा नया आयाम

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Mote Mahadev Dham

Mote Mahadev Dham

Narmada River

नर्मदा की शांत धार, घाटों पर गूंजती घंटियों की ध्वनि और शिव भक्ति में डूबे श्रद्धालु महादेव पिपरिया स्थित जवरेश्वर महादेव, जिन्हें श्रद्धालु स्नेह से मोटे महादेव भी कहते हैं, लंबे समय से आस्था का यही दृश्य रचते आए हैं। अब इस लगभग 500 वर्ष से अधिक प्राचीन शिव धाम का स्वरूप नया होने जा रहा है। कैबिनेट मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल के प्रयासों से मंदिर के जीर्णोद्धार और नर्मदा तट के घाट विकास का कार्य शीघ्र प्रारंभ होगा। पांच करोड़ रुपए से अधिक की राशि से यह पावन परिसर एक बार फि र अपनी गरिमा के अनुरूप सजेगा।

मान्यताओं और अनुभूतियों का संगम


प्रदेश की जीवनदायिनी मां नर्मदा के तट पर स्थित यह मंदिर केवल पूजा का स्थान नहीं बल्कि मान्यताओं और अनुभूतियों का संगम है। कहा जाता है कि यहां स्थापित शिवलिंग का आकार समय के साथ निरंतर बढ़ रहा है,यही रहस्य और यही विश्वास, श्रद्धालुओं को दूर.दूर से खींच लाता है। जिले ही नहीं, पूरे प्रदेश में मोटे महादेव अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं। यहां शिव और नर्मदा के दर्शन को आए भक्त मन की बात कह जाते हैं और विश्वास के साथ लौटते हैं कि उनकी कामनाएं पूरी होंगी।

धार्मिक पर्यटन को भी नई गति मिलने की उम्मीद


प्रस्तावित जीर्णोद्धार में मंदिर के मूल स्वरूप और ऐतिहासिक पहचान को सुरक्षित रखते हुए सौंदर्यीकरण किया जाएगा। नर्मदा तट पर घाटों का विकास, पक्की सीढिय़ां, बैठने की व्यवस्था,बेहतर प्रकाश और स्वच्छता के इंतजाम किए जाएंगे। इससे पर्व-त्योहारों और बड़े धार्मिक आयोजनों के दौरान श्रद्धालुओं को सुगम और सुरक्षित सुविधाएं मिल सकेंगी। धार्मिक पर्यटन को भी नई गति मिलने की उम्मीद हैए जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार और सुविधाओं का लाभ मिलेगा।

महादेव पिपरिया सहित आसपास के गांवों में उत्साह


इस खबर से महादेव पिपरिया सहित आसपास के गांवों में उत्साह है। वर्षों से जिस विकास की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। वह अब साकार होती दिख रही है। विधायक मीडिया प्रभारी वैभव नेमा के अनुसार निर्माण एजेंसी सिनाया इंफ ्रा को कार्य सौंपा गया है और जल्द ही काम शुरू होगा।जीर्णोद्धार के बाद मोटे महादेव मंदिर और नर्मदा घाट केवल श्रद्धालुओं के लिए ही नहीं, बल्कि संस्कृति और विरासत को जानने आने वाले पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेंगे। नर्मदा और शिव के इस पावन संगम पर आस्था का यह नया अध्याय पूरे प्रदेश में अपनी अलग पहचान स्थापित करेगा।